इसी सत्र से एमए हिन्दी व समाजशास्त्र विषय में हुआ प्रवेश
विश्व विद्यालय मे इन छात्रो का रजिस्ट्रेशन ही नहीं
बैरिया(बलिया)। पीजी कॉलेज सुदिष्टपुरी में डा सुधाकर प्रसाद तिवारी के प्राचार्य पद ग्रहण करने के बाद से समस्याएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. अब नई समस्या इस पीजी कॉलेज में एमए के लिए नए-नए स्वीकृत हुए विषय हिंदी और समाजशास्त्र के प्रथम सेमेस्टर के लिए 46 छात्रों के परीक्षा को लेकर उत्पन्न हो गया है. इस वर्ष के नए हिंदी और समाजशास्त्र विषय स्वीकृत होने की बात बताते हुए इस सत्र के लिए एमए समाजशास्त्र में 19 और हिंदी विषय में 27 छात्रों का प्रवेश लिया गया. अब जब आगामी 24 दिसंबर से एमए का प्रथम सेमेस्टर परीक्षा शुरू होने वाला है, तो सुदिष्टपुरी पीजी कॉलेज के एमए हिंदी व समाजशास्त्र विषय के 46 छात्रों का प्रथम सेमेस्टर में रजिस्ट्रेशन ही विश्व विद्यालय मे नहीं है
ऐसी दशा में यह छात्र प्रथम सेमेस्टर के परीक्षा नहीं दे पाएंगे. परेशान हाल छात्र और उनके अभिभावक प्राचार्य से लेकर कुलपति जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया तक का चक्कर लगाए. कुछ भी सूत्र उनके हाथ नहीं लग रहा है. बताया यह गया कि अगर विश्वविद्यालय से इन विषयो के लिए एनओसी मिला होगा, तब तो ठीक है, अन्यथा भविष्य खटाई मे पड़ सकता है.
इधर छात्र विकास कुमार गुप्ता, अजीत यादव पिकू, रामबालक यादव, छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष अनुज यादव, नितेश सिंह, मोहम्मद शहजाद, रवि कुमार केसरी, अंकित कुमार, मनजी वर्मा का आरोप है कि प्राचार्य अपने घर में बैठे-बैठे नियम कानून बना देते हैं. यहां के छात्रों के भविष्य के साथ यह बड़ा खेल है. इन्होंने यूजीसी के मानक की अनदेखी की है. यह अपने घर में ही नियम कानून बनाने लगते हैं. अगर प्रथम सेमेस्टर में छात्रों की परीक्षा नहीं हुई तो इसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ प्राचार्य डॉ सुधाकर प्रसाद तिवारी होंगे. यह हमेशा अपना अलग से कानून बनाने लगते हैं.
उधर इस बाबत जब प्राचार्य डॉ सुधाकर प्रसाद तिवारी से पूछा गया, तो उनका कहना था कि हमने विषय स्वीकृत कराया. हमारे पास पर्याप्त शिक्षक हैं. हमने पढ़ाई शुरू कराया. प्रवेश लिया. हमने कुलपति महोदय को बात बताई है. हमें आश्वासन मिला है. बच्चों का भी रजिस्ट्रेशन कर लिया जाएगा. डॉक्टर तिवारी ने विश्वविद्यालय में दो तरह का व्यवहार करने का आरोप भी लगाया. कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों का प्रवेश बाद में हुआ उनका रजिस्ट्रेशन मिल गया, और हमारा पहले हुआ तो कैसे नहीं मिलेगा. यदि नहीं मिला तो हम न्यायालय जाएंगे.
इसी बावत जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेंद्र सिंह से जब पूछा गया उनका कहना था कि सुदिष्टपुरी में क्या हो रहा है यह समझ से परे है. वहां के लिए तो विश्वविद्यालय से अनुमति नहीं मिली है. यूजीसी के कुछ मानक होते हैं. कुछ तौर तरीके होते हैं. जिसके आधार पर ही प्रवेश और परीक्षाएं होती हैं. वहां के प्राचार्य को तो 4 दिन पहले नोटिस दी गई है. उसका तो वह उत्तर ही नहीं दे रहे हैं. न्यायालय में जाएंगे तो न्यायालय का जो निर्देश होगा उसका पालन किया जाएगा. फिलहाल हमारे यहां सुदिष्टपुरी पीजी कॉलेज के एमए हिंदी और समाजशास्त्र विषयों के लिए छात्रों का पंजीकरण नहीं है.