बलिया। किसानों के हितलाभ हेतु कृषि प्रशिक्षित युवकों की सेवा उपयोग के उद्देश्य से किसानों को उनके फसल के उत्पादन के लिए कषि केन्द्र (एग्री जंक्शन) के बैनर तले समस्त सुविधाएं ‘‘ वन स्टाप शाप’’ के माध्यम से उपलब्ध कराये जाने की योजनान्तर्गत जनपद में पांच अतिरिक्त कृषि केन्द्र (एग्री जंक्शन) के भौतिक लक्ष्य आंवटित किये गये है. इच्छुक आवेदक आवेदन पत्र उप कृषि निदेशक कार्यालय से प्राप्त कर विकास खण्ड के सम्बन्धित उप समभागीय कृषि प्रसार अधिकारी से संस्तुति कराकर एक सप्ताह के अन्दर जमा करें.
उप कृषि निदेशक टीपी शाही ने बताया कि वन स्टाप शॉप किसानों के लिए एग्री जंक्शन के रूप में कार्य करेगा. बताया कि उक्त शॉप के अन्तर्गत मृदा परीक्षण सुविधा तथा उर्वरक उपयोग हेतु संस्तुति, उच्च गुणवक्ता के बीज, उर्वरक, जैव उर्वरक, माईक्रोन्यूट्रियन्ट, वर्मी कम्पोस्ट, कीटनाशक रसायन सहित समस्त कृषि निवेशों की आपूर्ति की जायेगी. लघु कृषि यंत्रों को किराये पर उपलब्ध कराया जायेगा तथा प्रसार सेवाओं तथा कृषि प्रक्षेत्र निर्देशन का भी कार्य करेगा.
श्री शाही ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कृषि व्यवसाय गतिविधियों के लिए निःशुल्क लाइन्सेट, बैंको से ऋण प्राप्त कराने में सहायता तथा ब्याज अनुदान की व्यवस्था, एक वर्ष तक लिए परिसर किराये का 50 प्रतिशत अनुदान अधिकतम रूपये एक हजार, कृषि यंत्रों को अनुदानित दर किराये पर उपलब्ध कराने की सहायता दी जायेगी. उक्त योजनान्तर्गत पात्रता है कि वह उत्तर प्रदेश का निवासी हो, कृषि स्नातक/कृषि व्यवसाय प्रबन्धन स्नातक जो कृषि एवं सम्बद्ध विषयों यथा उद्यान, पशुपालन, वानिकी, दुग्ध, पशुचिकित्सा, मुर्गीपालन एवं इसी प्रकार की गतिविधियां जो किसी राज्य/केन्द्रीय विश्वविद्यालयों जो आईसीएआर/यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त हो, महिलाओं को पांच वर्ष की छूट दी जायेगी.
बताया कि राज्य सरकार द्वारा ऋण सीमा की धनराशि 3.5 लाख पर तीन वर्षो तक 12.5 प्रतिशत ब्याज की धनराशि 03 वर्ष तक इन्डेड सब्सिडी के रूप में की जायेगी. अन्य ऋण देने के सम्बन्ध में बैकों के नियम यथावत होगे. केन्द्र परिसर हेतु 50 प्रतिशत किराया प्रथम वर्ष हेतु कृषि निवेशों पर निर्गत किये जाने वाले लाइन्सेस शुल्क की प्रतिपूर्ति के रूप में रूपये तीन हजार किये जायेगे. इसके अतिरिक्त चयनित आवेदकों को व्यवसाय क निमित ऋण राशि के पूर्व प्रतिक्षण दिया जायेगा. कहा कि प्राप्त आवेदन पत्रों को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद स्तर पर गठित समिति के द्वारा परीक्षण करते हुए गुण दोष के आधार पर लाभार्थियों का चयनोपरान्त कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी.