


आक्रोशित भीड़ ने किया चक्का जाम, उपनिरीक्षक के लाइन हाजिर के आदेश के बाद समाप्त हुआ जाम
बांसडीह (बलिया)। कोतवाली क्षेत्र के केवरा में सुबह लगभग 7 बजे ट्रक और मोटरसाइकिल व साईकल की टक्कर में एक व्यक्ति की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी. वहीं दो लोग गम्भीर रूप से घायल हो गये. घटना सेआक्रोशित लोगों ने मौके पर ही जाम लगा दिया. सूचना पर मौके पर पहुँची पुलिस व उच्चाधिकारियों के समझाने बुझाने व उपनिरीक्षक को लाइन हाजिर करने के आदेश के बाद ग्रामीणों ने जाम हटाया.
बाँसडीह रोड थाना अंतर्गत ग्राम सराक के रहने वाले सीताराम उम्र 65 वर्ष पुत्र गया राजभर अपने पोते धनराज के साथ मोटरसाइकिल से अपनी पुत्री कमलावती के यहाँ केवरा रविवार को आये थे. सोमवार की सुबह वह अपनी लड़की के यहां से अपने घर सराक जा रहे थे. इसी बीच केवरा चट्टी पर सहतवार के तरफ से बालू लदी ट्रक के चपेट में आ गये. गिरने की वजह से ट्रक का पिछला पहिया सीताराम के सिर पर चढ़ गया जिसमें उनकी जगह पर ही मौत हो गई. जबकि मोटरसाइकिल चला रहा धनराज भी वही गिर पड़ा जो घायल है. उसी समय बगल से गुजर रहे साईकल सवार रामदेश उम्र 55 वर्ष निवासी अकोल्ही भी घायल हो गए. दोनो घायलो को प्राथमिक उपचार स्थानीय डाक्टरो किया गया.

जाम लगाने वाले आक्रोशित लोगों ने वहाँ पहुचे उच्चाधिकारियों से इलाकाई दरोगा सुभाष यादव की शिकायत की जिस पर मौके पर उपस्थित उपजिलाधिकारी अनिल कुमार चतुर्वेदी व क्षेत्रराधिकारी अशोक कुमार सिंह ने पुलिस अधीक्षक को घटना के संबंध में अवगत कराया. पुलिस अधीक्षक ने तत्काल कार्यवाही करते हुए उपनिरीक्षक को लाईन हाजिर कर दिया. तब जाकर दो घंटे बाद मामला शांत हुआ.ग्रामीणों ने वही पर सड़क जाम कर दी सूचना मिलते ही मौके पर पहुँचे प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार त्रिपाठी ने ग्रामीणों को समझाया लेकिन लोग नही माने ।तब प्रभारी निरीक्षक ने अपने उच्चाधिकारियों को घटना से अवगत कराया । वहाँ पहुचे उपजिलाधिकारी अनिल कुमार चतुर्वेदी व क्षेत्रराधिकारी अशोक कुमार सिंह ने घटना की जानकारी से पुलिस अधीक्षक को अवगत कराया तथा ग्रामीणों के मांग के बारे में बताया. ग्रामीणों आरोप था कि इस इलाके के हल्का इंचार्ज सुबास यादव प्रत्येक दिन सुबह अबैध वसूली करने चले आते है, और चले जाते है यहां सुबह 5 से 10 तक सब्जी की बड़ी मंडी सड़क के किनारे लगे होने से सुबह के वक्त पाँच घंटे जाम लग जाता है. उस वजह से हर समय एक्सीडेंट की संभावना रहती है. दरोगा सिर्फ अपने वसूली से मतलब रखते है. मामला संज्ञान में आते ही पुलिस अधीक्षक ने हल्का दरोगा को लाईन हाजिर कर दिया. तब जाकर आक्रोशित ग्रामीण माने और जाम समाप्त किए.