सिर्फ गाजीपुर में एनएच 29 के गड्ढों से रोडवेज को रोजाना डेढ़ लाख का नुकसान

गाजीपुर। सामाजिक संस्था समग्र विकास इण्डिया के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को एनएच 29 पर शेखपुर (गाजीपुर) पेट्रोल पम्प के सामने गड्ढे में जिम्मेवार प्रतिनिधियों व अधिकारियों की सद्बुद्धि की कामना किया. अब तक जानलेवा गड्ढों की वजह से दर्जनों जाने जा चुकी हैं. इससे पहले सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गड्ढों में कुश्ती करके, प्रतीकात्मक मुर्दा बनकर सो करके, प्रतीकात्मक सोये हुए मंत्री को जगा कर के, गड्ढों के पानी में नहा करके विरोध जताया. शुक्रवार को एक साथ तीन धर्म के लोगों ने मिलकर अपने अपने ढंग से प्रार्थना किया.

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मैनुद्दीन ने इबादत की, ईसाई धर्म के अनिमेश ने प्रार्थना तथा हिन्दू धर्म के लोगों ने गायत्री मंत्र पढ़कर गड्ढे के जिम्मेवार लोगों की सद्बुद्धि की कामना की. अनिमेष ने प्रार्थना कर प्रभु यीशु से कहा कि अब और निर्दोषों की जान जाने से बचाये. मोईनुद्दीन ने अल्लाह का इबादत कर एनएच पर बेगुनाहों की हो रही मौतो पर रहम फरमाते हुए जिमेमेदार माननीयों को गुड सेन्स प्रदान करने के लिए दुआ की. गोपाल स्वरूप पाण्डेय ने मां गायत्री का अनुष्ठान करते हुए कहा कि बौद्ध परिपथ के क्षेत्रीय सांसद/प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, सांसद भरत सिंह, हरिनारायण राजभर, कमलेश पासवान व योगी आदित्य नाथ का ध्यानाकर्षण  कर जर्जर एनएच 29  को सही कराने की मांग किया.

रोडवेज का प्रतिदिन का होता है डेढ़ लाख का नुकसान. समग्र विकास इण्डिया के अध्यक्ष ब्रजभूषण दूबे ने कहा कि उत्तर प्रदेश परिवहन गाजीपुर के एआरएम ने लिखित रूप से दिया है कि गाजीपुर परिवहन डिपो बसों का एनएच के जानलेवा गड्ढों के कारण डेढ़ लाख का प्रतिदिन का नुकसान होता है और यह नुकसान अब तक करोड़ों से उपर जा चुका है.

समग्र विकास इण्डिया के व्याख्याता गुल्लू सिंह यादव व रूद्रेश कुमार निगम ने कहा कि केवल गाजीपुर मे अकेले सिधौना से लेकर मटेहूं तकं अब तक जर्जर एनएच की वजह से लगभग डेढ़ दर्जन लोग अपनी जान गवां चुके है. यह केन्द्र सरकार व प्रदेश सरकार के लिए शर्मनाक है. उक्त अवसर पर  सभासद जंगीपुर फिरोज खान, रामशेष यादव, कृष्णानन्द पाण्डेय, विजय कुमार सिंह, प्रमोद कुमार सिंह, कमला यादव, शम्भू राम, सुबेदार राम, सोनू कुमार, अक्षय कुमार, अजय कुमार गौतम, त्रिभुवन, सेराज अन्सारी, हनुमान बिन्द, मनोज तिवारी, रामअवध, अध्यक्षता कुम्भनाथ जायसवाल व संचालन गोपाल स्वरूप पाण्डेय ने किया.

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