इलाहाबाद। शुक्रवार को बसपा सरकार में मंत्री रहे कांग्रेसी नेता नंद गोपाल ‘नंदी’ अपनी पत्नी इलाहाबाद की महापौर अभिलाषा गुप्ता ‘नंदी’ के साथा भाजपा में शामिल हो गए. नंदी दंपति को नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण करवाई. हालांकि इस सूचना के बाद इलाहाबाद की सियासत गरमा गई है. पार्टी कार्यालय पर नगर अध्य्क्ष सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध दर्ज करवाया है.
शहर पश्चिम से भाजपा के महासचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह प्रत्याशी होंगे. वृहस्पतिवार को उन्होंने इस बाबत प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी. श्री सिंह ने खुद इसकी पुष्टि की है, लेकिन अभी औपचारिक ऐलान होना बाकी है. घोषणा शाम तक संभव है.
मालूम हो कि 2007 में नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने भाजपा के दिग्गज नेता और शहर दक्षिणी से पांच बार विधायक रहे केशरी नाथ त्रिपाठी को शिकस्त दी थी. नंदी ने कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रहीं और वर्तमान में भाजपा नेता रीता बहुगुणा को भी चुनाव में हराया है. रीता बहुगुणा जोशी वर्तमान में भाजपा से जुड़ गईं हैं. केशरी नाथ त्रिपाठी भले ही इस समय बंगाल के राज्यपाल हों, लेकिन हकीकत में वे भाजपाई ही हैं. संयोग देखिए कि एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोंकने वाले आज एक मंच पर हैं.
2012 के चुनाव में सपा प्रत्याशी परवेज अहमद ने बसपा से मैदान में उतरे नंदी को हरा दिया था. लेकिन हार का अंतर काफी कम का था. परवेज को 43,040 और नंदी को 42,626 वोट मिले थे. बाद में नंदी को मायावती ने पार्टी से निकाल दिया था. इसके बाद नंदी ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली और अब कांग्रेस छोड़ मेयर पत्नी के साथ भाजपा में शामिल हो गए हैं. लेकिन भाजपा में शामिल होते ही उनका विरोध होने लगा है. शुक्रवार को भाजपा जनों ने सिविल लाइन्स के सुभाष चौराहा पर जमकर विरोध किया.
वहीं सूत्रों की माने तो समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन की चल रही बातचीत के बीच नंदी को विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस से टिकट मिलना मुश्किल लग रहा था. वहीं नंदी को भाजपा इलाहाबाद दक्षिणी सीट से टिकट दे सकती है. इसी आस में वह भाजपा में शामिल हुए हैं.