सांसद ने कहा बलिया जिले के 75 गांवों को ‘आत्मनिर्भर गांव’ बनाया जाए

बलिया: सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक कर जिले की समस्याओं व विकास कार्यों पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि हर विभाग एक-दूसरे से समन्वय बनाकर काम करे तो उनको भी आसानी होगी और जनता को भी सहूलियत मिलेगी. अधिकारियों को आश्वस्त किया कि अगर कहीं भी किसी स्तर पर कठिनाई हो तो मुझे बताएं, उसे दूर करने के लिए हमेशा आपके साथ खड़ा रहूंगा.

 

सांसद ने कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है. इस अवसर पर हम सब मिलकर प्रयास करें कि जिले में 75 गांवों को ‘आत्मनिर्भर गांव’ बनाया जाए. वह सभी गांव शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, समृद्धि आदि के क्षेत्र में बेहतर हों और अन्य गांवों के लिए प्रेरणास्रोत हों. बाढ़ से नुकसान हुए फसलों का तत्काल आकलन कर किसानों को नियमानुसार मुआवजा दिलाने के निर्देश दिए.

 

सांसद ने कहा कि एनएच-31 के किनारे कराए गए बाढ़ खण्ड के कार्यों की शिकायत मुझे स्थानीय लोगों ने की है. उसकी जांच कराई जाए. उन्होंने कहा कि जांच निर्धारित कार्य दिवस में पूरी होनी चाहिए. जांच में अगर कमी मिले तो दोषी चिन्हित हों. अगर काम सही मिले तो स्पष्ट रिपोर्ट दें, ताकि जनता को सही स्थिति से अवगत कराया जा सके.

 

उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में ऐसी सुविधा हो कि बहुत ज्यादा गम्भीर स्थिति न हो तो रेफर करने की जरूरत न पड़े. यहां की सुविधा और बढ़ाने के लिए योजना बनाएं. आश्वस्त किया कि धन की कमी नहीं आने दी जाएगी. बाढ़ प्रभावित इलाकों में युद्धस्तर पर छिड़काव हो. सोनबरसा अस्पताल पर सुधार हुआ है, पर वहां सुविधाएं और बढ़ाने की जरूरत है. वह अस्पताल द्वाबा के काफी क्षेत्र को कवर करता है. पीकू वार्ड की प्रगति के बारे में जानकारी ली. एम्बुलेंस संचालन में भी थोड़ी और सुधार की जरूरत बताई. बिजली विभाग के अधिकारी को निर्देश दिया कि थाना, चौकी पर भी विद्युत सुविधा बेहतर करा दें.

 

तीसी की खेती को बढ़ावा देने की जरूरत

 

सांसद ने कहा कि रबी की खेती शुरू होने वाली है, लिहाजा बीज की पर्याप्त उपलब्धता हो. जिले की भौगोलिक स्थिति के दृष्टिगत दलहन व तेलहन का बीज जरूर उपलब्ध हो. खास तौर पर तीसी की खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता है. गांव, भैंस, भेड़ पालने वाले किसानों की मदद करते हुए पशुपालन को बढ़ावा देने पर भी विशेष जोर दिया. इसके लिए पहले बैंकर्स का सहयोग जरूरी है. इसलिए एलडीएम को इसके लिए सख्ती से निर्देश जारी करने को कहा.

 

ऑर्गेनिक खेती को करें प्रोत्साहित

 

सांसद ने उप निदेशक कृषि से कहा कि ऑर्गेनिक खेती करने के लिए पहले ब्लॉक स्तर पर योजना बनाकर, किसानों के साथ बैठक कर कर उन्हें प्रोत्साहित करें. उनकी फसल का लाभ कैसे मिलेगा, इस पर योजना बनाकर काम करें तो ऑर्गेनिक खेती के क्षेत्र में बलिया एक अच्छा उदाहरण बन सकता है. गंगा व सरयू का मैदान तो इसके लिए एकदम अनुकूल है. इसका एक और फायदा यह होगा कि जिले में दलहन व तेलहन की खेती का रकबा भी बढ़ जाएगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी.

 

गांव से खेतों को जोड़ने की हो कवायद

 

गांव से खेत को जोड़ने के लिए सरकार ने योजना चलाई है. डीपीआरओ को निर्देश दिए कि ग्राम प्रधान व सचिव को निर्देशित करें कि मनरेगा से कार्य कराकर खेतों तक जाने का रास्ता बनवाएं. किसानों से संवाद कर ब्लॉक स्तर पर आश्रय स्थल बनवाया जाए. वहां पशु रुकते हैं, जिनके गोबर का उपयोग ऑर्गेनिक खेती में अच्छा हो सकता है.

 

शहर के हालात पर जताई नाराजगी

 

सांसद ने शहर की स्थिति पर नाराजगी जाहिर करते हुए अधिशासी अधिकारी दिनेश विश्वकर्मा को एक महीने का अल्टीमेटम दिया. कहा, एक माह बाद अगर जलजमाव व गन्दगी की समस्या  दिखी तो फिर उसके बाद गम्भीर परिणाम भुगतने होंगे. सड़क पर गन्दगी, डीएम-एसपी कार्यालय व शहर के प्रमुख इलाकों की हालत देख शर्म आनी चाहिए. बैठक में जिलाधिकारी अदिति सिंह, एसपी राजकरण नय्यर, सीडीओ प्रवीण वर्मा, एडीएम रामआसरे, डीएसओ केजी पांडेय समेत अन्य अधिकारी थे.

(बलिया से कृष्णकांत पाठक की रिपोर्ट)

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