बलिया से वीरेंद्र नाथ मिश्र
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में शनिवार की रात लैंड स्लाइडिंग की घटना में जान गंवाने वालों में नगरा थाना क्षेत्र के खरुआव गांव के भी दो परिवार है. इस परिवार का चिराग पूरी तरह बुझ गया. खरुआव गांव में कोई भी यह मानने को तैयार नहीं है. एक साथ सात मौतें हुई हैं. पिता जहां सुध बुध खो बैठे है, वहीं चाचा की हालत विक्षिप्तों जैसी हो गई है. माँ आने जाने वालों को कुछ न बोलकर एकटक देख रही है. हालांकि माँ को कुछ बताया नहीं गया है. पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है.
खरुआव गांव निवासी श्यामदेव सिंह दो भाई है. श्यामदेव सिंह रेलवे में थे. रिटायर्ड होकर गांव में खेती करते है. छोटे भाई सत्यदेव सिंह फौज से रिटायर होकर घर पर रहते हैं. दोनो भाइयों के बीच सूर्यदेव सिंह इकलौती औलाद थे. उनके शादी संगीता से हुई थी. उनकी एक बेटी दस वर्षीय अनुष्का एवं छः वर्षीय बेटा सत्यप्रकाश थे. चाचा सत्यदेव ने अपने भाई के इकलौते पुत्र को मऊ जिले में जूता का कारोबार कराया था. वहाँ सूर्यदेव अपने परिवार के साथ रहते थे. मऊ जिले के कुर्थी जाफर निवासी बहन वंदना व दो भांजे, पत्नी और दोनों बच्चों के साथ सूर्यदेव तीर्थाटन पर निकले थे. वहां हिमाचल प्रदेश के लैंड स्लाइडिंग में यह दर्दनाक हादसा हो गया.
सोमवार को पूरे गांव में यह खबर मिलते ही सन्नाटा पसरा हुआ है. कोई कुछ बताने को तैयार नही है. घर मे बैठी सूर्यदेव की माँ दरवाजे पर आने जाने वालो को एक टक देख रही है. घटना की जानकारी किसी में हिम्मत नहीं है कि माँ को बताए. पिता श्यामदेव घर के अंधेरे कमरे में बेसुध पड़े हुए है. वही फौजी चाचा सत्यदेव सिंह की हालत विक्षिप्तों जैसी हो गई है. वे गांव के बाहर किसी से बात न करते हुए घूम रहे हैं. आसपास के गांवों के लोग खरुआव तो पहुंच रहे हैं, लेकिन दरवाजे पर जाने की किसी की हिम्मत नहीं हो रही है. कोई कुछ बोलने कहने को तैयार नहीं है. अपने दरवाजे पर लोग इस घटना से सहम कर बैठे हुए है.