कबीरपुर गांव में गूंजा – रोड नहीं तो वोट नहीं

कबीरपुर (गाजीपुर) से अनिल गोड़

कबीरपुर (करीमुद्दीनपुर), बाराचवर, गाजीपुर के ग्रामीणो का दो टूक कहना है कि रोड नहीं तो वोट नहीं. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव के लोग इस बार यूपी विधानसभा के चुनाव का बहिष्कार कर रहे है. कारण, अन्य सुविधाओं की तो बात छोड़िये. इस गांव में आजादी से लेकर अब तक कोई सम्पर्क मार्ग तक नहीं बनाया गया. चुनाव जब-जब आता है तो हर दल के नेता आते हैं और वादे करते हैं, कसम खाते हैं कि इस बार हमको वोट दो और जीतेंगे तो आपका सम्पर्क मार्ग जरूर बनवा देंगे और जब माननीय बनने के बाद वे कभी इस गाव में आते ही नहीं.

कबीरपुर के ग्रामीणों ने दी चेतावनी
करीमुद्दीनपुर के कबीरपुर गांव के लोग आक्रोशित हैं. उनके आक्रोश का कारण जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा है. गुस्साएं कबीरपुर गांव के ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनके आवागमन के लिए मार्ग का निर्माण नहीं किया गया तो वह विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करेंगे. कबीरपुर गांव के लोगों का दर्द है कि आजादी के इतने वर्षों के बाद भी उन्हें आवागमन के लिए एक सड़क तक जनप्रतिनिधि उन्हें उपलब्ध नहीं करवा पाए, जबकि लोकतंत्र के महापर्व रूप हर चुनावी बेला में वह झूमकर अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं.

चुनाव में सिर्फ विकास के सब्ज बाग दिखाए जाते हैं
चुनाव के दौरान नेताओं की ओर से विकास का सब्जबाग तो दिखाया जाता है, लेकिन माननीय बनते ही वह मतदाताओं को बिसार देते हैं. यही कारण है कि आज भी वह रेलवे ट्रैक के किनारे—किनारे आवागमन करने को विवश हैं. जिसके कारण हमेशा अनहोनी होने की आशंका भी बनी रहती है. गांव में लगभग डेढ़ हजार मतदाता हैं. कबीरपुर गांव के पंचम चौहान, कृष्णमुरारी गोड़, अनिल गोड़, सिद्धनाथ यादव, रामचिज गोड़, रामाकांत चौहान, सूर्यनाथ चौहान, चुलबुल गोड़ आदि लोगों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि उनका गांव जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र में आता है. यदि उन्हें आवागमन के लिए मार्ग की सुविधा नहीं मिली तो वह इस बार अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करेंगे.

ऐसे में शत प्रतिशत मतदान का सपना कैसे पूरा होगा

एक तरफ जिला प्रशासन विधानसभा चुनाव में शत—प्रतिशत मतदान को लेकर एड़ी—चोटी का जोर लगा दिया है. इस मुहिम को परवान चढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन आए दिन किया जा रहा है. मतदाता जागरूकता रैलियों से लेकर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इन कार्यक्रमों में छात्र—छात्राओं से लेकर ग्रामीणों तक को शामिल किया जा रहा है. डीएम संजय कुमार खत्री खुद गांवों में चौपाल लगाकर मतदाताओं से अपील कर रहे हैं कि सभी मतदाता विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करें. जाहिर प्रशासन के सारे अभियान की हवा निकालने के लिए कबीरपुर जैसे गांव पर्याप्त है.

बलिया तहसील में है मेरा गांव करची (ग्राम पंचायत नारायणपुर). सिंहपुर चट्टी के करीब से एक सड़क है जिससे नेशनल हाईवे तक पहुंचने के लिए रेल ट्रैक पार कर जाना पड़ता है. कल्पना कीजिए इस गांव के बच्चे या मरीज कैसे सफर करते होंगे. यहां लोग सिर्फ वोट मांगने आते हैं, इसके बाद हमारी खोज खबर लेने न तो कोई अधिकारी आता न ही नेता. – मुकेश गुप्ता, करची, नारायणपुर, बलिया

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