जेपी के क्रांति मैदान में मानव श्रृंखला बनाकर कहा नशे को ‘ना’

सांसद हरिवंश की अगुवाई में शामिल हुए हजारों लोग

सिताबदियारा से लवकुश सिंह

बिहार में शराबबंदी को लेकर जागरुकता अभियान के तहत संपूर्ण बिहार में बनी मानव श्रृंखला के क्रम में लोकनाय‍क जयप्रकाश नारायण का वह क्रांति मैदान एक बार फिर एतिहासिक पलों को साक्षी बना. वर्ष 1974 में सिताबदियारा के इसी क्रांति मैदान में स्‍वयं लोकलायक जयप्रकाश नारायण ने जाति मिटाओ, जनेऊ तोड़ो आंदोलन की शुरुआत किया था. तब भी इस मैदान में करीब 10 हजार लोगों ने उनके समर्थन अपना जनेऊ तोड़ जाति प्रथा नहीं मानने का संकल्‍प लिया था.

आज दूसरी बार उसी मैदान में राज्‍य सभा सांसद हरिवंश के संग संपूर्ण सिताबदियारा वासी शराब बंदी कानून के समर्थन में एक सांथ खड़े हुए. इसमें स्‍कूली बच्‍चों के सांथ-सांथ आमलोगों ने भी खुलकर सांथ दिया. महिलाएं भी इस मानव श्रृंखला में भारी तादाद में शामिल रहीं. पटना का ऐतिहासिक गांधी मैदान से राज्य की अंतिम सीमा पर स्थित है, जेपी का गांव. इसी के बाद शुरू होता है यूपी. यूं कहें तो यह मानव श्रृंखला एक चैन की तरह शराब बंदी कानून के समर्थन में जेपी की धरती तक पहुंची नजर आ रही थी.

सिताबदियारा के चैन छपरा क्रांति मैदान से जेपी के पैतृक गांव लाला टोला में निमार्णधीन जेपी राष्‍ट्रीय स्‍मारक तक यह मानव श्रृंखला कतारबद्ध निर्धारित समय 12:15 बजे से एक बजे तक खड़ी रही. यह नजारा देखने यूपी सीमा से भी हजारों लोग पहुंचे थे. यह देखने के बाद सभी के मुंह से एक ही शब्‍द निकला कि काश ! बिहार की तरह यूपी में भी लागू होता, पूर्ण शराब बंदी कानून.

इसी कानून के चलते कलह से मुक्‍त हुए लाखों घर-हरिवंश

मानव श्रृंखला में अपनी सहभागिता निभाते हुए ही, इसी गांव के निवासी राज्‍य सभा सांसद हरिवंश ने कहा कि नीतीश कुमार जी की मंशा के मुताबिक इस मानव श्रृंखला ने विश्व रिकॉर्ड कायम किया है. जेपी का यह क्रांति मैदान भी जेपी के जनेऊ तोड़ो आंदोलन की तरह इस दिवस की यादों को सदैव के लिए भारतीय इतिहास में समट कर समेट कर रखेगा. कहा कि शराब बंदी कानून के लागू होने के बाद देश-विदेश में बिहार की एक अलग छवि स्‍थापित हुई है. इस कानून के चलत ही घर-घर में खुशियां आई हैं.

आज सिताबदियारा में इस मानव श्रृंखला को देखने और शामिल होने के लिहाज से बहुत से लोग यूपी की सीमा से भी पहुंचे हैं. मेरा मानना है कि यूपी के विधान सभा चुनाव में भी यह शराब बंदी का मुद्दा होना चाहिए था. यूपी सरकार भी यदि इस कानून को नीतीश जी के सांथ लागू कर दी होती, तो आज यूपी-बिहार दोनों की एक अलग पहचान देश भर में स्‍थापित होती. शराब के चलते घर और समाज दोनों बर्बाद होते हैं. यह कानून अच्‍छा था इसीलिए इसके समर्थन में बिहार की अच्‍छी छवि के लिए, सभी ने राजनीति से ऊपर उठ कर सांथ दिया, वह सराहनीय है. समाज और गांव को शराब से मुक्‍त रखें. यह एक सामाजिक सुधार का काम है.

इस मौके पर रामनाथ सिंह, सिताबदियारा के मुखिया प्रतिनिधि सुरेंद्र सिंह, प्रभुनाथनगर के मुखिया प्रतिनिधि अजीत सिंह, जद यू के प्रखंड अध्‍यक्ष पवन सिंह, प्रदीप कुमार, दुर्गेश कुमार, जयप्रकाशनगर क्षेत्र से चेत नारारायण सिंह, संतोष सिंह, प्रधानाध्‍यापक बालेश्‍वर राम, शिक्षक राघवेंद्र सिंह, संजय सिंह, भाजपा के भोला सिंह, राजेंद्र सिंह, अजय सिंह, मंजय सिंह, बीडीसी सत्‍येंद्र सिंह, सिताबदियारा अस्‍पताल की डॉ. कविता सहित हजारों लोगों ने मानव श्रृंखला में अपनी सहभागिता निभाई.

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