रसड़ा (बलिया)| जिसका डर था वही हुआ. अपनी कार्यशैली से जनता के चहेते और रसूखदार नेताओं एवं विभाग के लिए भी सिर दर्द बन चुके पुलिस कप्तान प्रभाकर चौधरी का आखिरकार जनपद से रवानगी की टिकट मिल ही गया.
मेरा स्थानान्तरण कानपुर देहात एसपी के पद पर हुआ है. अल्प समय में आमजन मीडिया एवं अपने सहयोगियों को कानून व्यवस्था का सहयोग प्रदान करने हेतु कोटि कोटि धन्यवाद. आशा व्यक्त करता हूं कि नए पुलिस अधीक्षक श्री वैभव कृष्ण को आप सभी लोग इसी प्रकार सहयोग प्रदान करेंगे – प्रभाकर चौधरी
उनके स्थानांतरण से आमजन मानस में निराशा व्याप्त है. वही रसूखदार नेताओं के साथ साथ विभाग में भी अंदर खाने खुशियां छाई है. पुलिस कप्तान प्रभाकर चौधरी ने जनपद में आते ही रोज नए नए कार्यों को अंजाम देना शुरू कर दिया था. लोगों को कुछ हद तक न्याय भी मिलने लगा था. लोगों को अरसा बाद पुलिस पर धीरे धीरे भरोसा भी बढ़ने लगा था. उन्हीं के निर्देश पर पुलिस भी गांव-गांव में चौपाल लगाकर लोगों को अपने कर्तव्यों को बोध करा कर पुलिस के साथ सहयोग लेने और देने का विश्वास दिया.
पुलिस कप्तान के नित्य नए कारनामे किए जाने पर चट्टी चौराहा पर जनता के बीच यह चर्चा शुरू हो गई थी कि कप्तान महोदय की जनपद से बहुत जल्द रवानगी होगी. इस जनपद के रसूखदार राजनेताओं को कर्तव्यनिष्ठ व ईमानदार अधिकारी रास नहीं आते हैं. पुलिस कप्तान के स्थानांतरण के चाहे जो कारण हो, परन्तु पहले से ही कानून व्यवस्था पर विरोधियो के निशाने पर रहने वाली सरकार ने विरोधियो को एक और मौका दे दिया. जनपद में नवागत पुलिस कप्तान वैभव कृष्ण भी अपने नए अंदाज में काम करने के लिए जाने जाते हैं. अगर इन्होंने भी अपनी स्टाइल में काम शुरू किया तो देखना है कि यहां के नेता कब तक इन्हें भी हजम करते हैं.
इसबार Sp ka tabadla karna sarkar ko mushkil me daal sakta hia
इसबार Sp ka tabadla karna sarkar ko mushkil me daal sakta hia
अब सरकार ही बदल दो बलिया के लोगो। परिवार तो संभलता नही चले है उत्तर प्रदेश संभालने।
जब कोई अच्छा कार्य होता है तब कोई ना कोई बाधा डाल देते है यहा पर यही सब अच्छा नहीं लगता है