शिव बारात में हजारों हुए शामिल
जगह-जगह स्टाल लगाकर बारातियों का हुआ स्वागत
बलिया। जिला मुख्यालय पर स्थित बालेश्वर मंदिर पर बुधवार को जो भी नजारा देखने को मिला शायद किसी को ऐसी कल्पना नहीं रही होगी. शिवभक्तों को पहली बार अपने आराध्य भगवान शंकर के दर्शन के लिए सर्प की तरह घंटो सड़क पर सरकना पड़ा तथा घंटो इंतजार करना पड़ा. घेरा भी ऐसा कि आप उसमें से बिना भगवान के दर्शन किये बगैर, पंक्ति से बाहर निकलना मुश्किल रहा.
बुधवार को तड़के से लाइन में खडे़ शिवभक्तों के पैर तो थर्राही गये, हाथ भी जवाब देने लगा था. ऐसा हो भी क्यों नहीं. उनके हाथों में जो था शिव की पंसदीदा पूजन सामग्री अर्थात कंद, गाजर, बेर, सेव, संतरा, गंगा जल, दूध, गन्ना का जूस, शक्कर, भांग, अबीर, गुलाल भांग, धतूरा, धूपबत्ती, कपूर, दीपक, अक्षत आदि.
जिला प्रशासन व मंदिर प्रशासन की ओर से पुरूष एवं महिलाओं के मंदिर में प्रवेश व निकलने के अलग-अलग द्वार बनाये गये थे. पुलिस की चुस्त-दुरूस्त व्यवस्था थी. मंदिर के अंदर चढ़ावा को हटाने के लिए स्वयंसेवकों की एक टोली काम कर रही थी. भोलेनाथ का मनाने के लिए एक साल में महाशिवरात्रि का अवसर बस एक बार आता है इस पुण्यकाल का सभी शिवभक्तों को इंतजार रहता है.
बाबा बालेश्वर नाथ मंदिर की मंगला आरती घंटा, घड़ियाल, नगाडे़ के साथ हुई. शिवभक्तों की भीड़ व गूंजने लगे नमः शिवाय व हर-हर महादेव की गगनभेदी आवाज. प्रातः 5ः30 बजे से छः बजे तक छप्पन भोग लगाया गया और आधे घंटे के लिए भक्तों के लिए मंदिर का कपाट बंद कर दिया गया. परंतु शिवभक्त अपनी-अपनी पंक्तियों में बने रहे. दोपहर 12 बजे तक शिवभक्तों का रेला टूटने का नाम नहीं ले रहा था. दोपहर 12 बजे से एक बजे तक महाभोग आरती होने के बाद पुनः मंदिर शिवभक्तों के लिए खोल दिया गया. मंदिर परिसर में ही दोपहर बाद मंदिर परिसर में ही दोपहर बाद भतवान शुरू हो गयी. उधर बम-बम लहरी की आवाज गूंजने लगी थी. बारात में मनमोहक झांकियां अनायास ही अपने और आकर्षित कर लेती थी.
जनपद के प्रमुख बैंड बाजे एवं नर्तक-नर्तकियां इसमें शामिल हुए.
लहुरी काशी के रूप में नजर आई भृगु नगरी
बुधवार को महाशिवरात्रि के मौके पर केवल बालेश्वर मंदिर को ही नहीं सजाया गया परंतु सभी देवी-देवताओं के मंदिर आकर्षक ढंग से सजाये गये थे. सभी मंदिरों पर दर्शन को श्रद्धालु उमड़ रहे थे. अधिकांश व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद कर लोग शिव बारात जाने की तैयारी कर रहे थे. नगर क्षेत्र की सभी सड़कों की पटरियां रोलेक्स, फूल माला एवं गुब्बारे से सजायी गयी थी. जगह-जगह डीजेे पर बज रहे शिव गीतों पर युवा थिरक रहे थे. नगर पालिका ने सफाई व्यवस्था के साथ जगह-जगह चूना भी गिराया गया था. वहीं शिव मंदिर से सायं चार बजे बारात निकली जो नगर भ्रमण करने के बाद पुनः मंदिर पर आकर सम्पन्न हुई. महावीर घाट से बाबा बरमेश्वर नाथ की शिव बारात डीजे के साथ निकली, जो टाउन हाल रेलवे स्टेशन चौक होते हुए पुनः महावीर घाट जाकर सम्पन्न हुई. इस अवसर पर बडे़ मंदिरों के अलावे भगवान शिव के छोटे-छोटे मंदिर भी आकर्षण ढंग से सजाये गये थे.