
रामगढ़(बलिया)। गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने के बाद मंगलवार को केंद्रीय जल आयोग गायघाट केंद्र पर जलस्तर स्थिर हो गया. सोमवार की देर रात गंगा प्रति घंटा पांच सेमी की रफ्तार से बढ़ाव पर थीं. इसके बाद मंगलवार की प्रात: प्रति घंटा तीन सेमी की रफ्तार से बढ़ाव पर थीं. कितु 10 बजते ही गंगा खतरा बिदु 57.615 मीटर को पार कर 58.19 पर स्थिर हो गई. यहां हाई फ्लड लाइन 60.39 मीटर है.
गंगा का जलस्तर स्थित होते ही प्रशासन जहां राहत की सांस लेने लगा, वहीं गंगा के तटवर्ती लोगों की सांसत बढ़ने लगी. लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करना शुरू कर दिए हैं. बाढ़ को देखते हुए तटवर्ती गांवों में अफरातफरी का माहौल बना हुआ है. गंगा के कटान के मुहाने पर खड़े केहरपुर, सुघर छपरा, सोनार टोला, बनिया टोला में कटान का क्रम तेज होने से सुघर छपरा स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय भवन का एक कमरा व किचेन गंगा में समाहित हो गया. वहीं हरेराम ब्रह्मचारी की स्मृति स्थल के समीप कटान तेज होने के कारण लगभग दो बीघा जमीन गंगा में समा गई.
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यहां कोई सुरक्षात्मक उपाय नहीं होने के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है. बाढ़ खंड के लोग पेड़ों की टहनियां डालकर विद्यालय के पास कटान रोकने का प्रयास कर रहे थे, कितु सभी प्रयास असफल होते दिख रहे हैं.
ग्रामीण जनार्दन ओझा, जलेश्वर ओझा, अनिल ओझा आदि का परिवार आवश्यक सामान लेकर सुरक्षित स्थान की ओर चले गए. कटान से एएनएम सेंटर, पानी टंकी सहित गांव का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. दूसरी तरफ बहादुर बाबा स्थान पर बाढ़ विभाग द्वारा कटानरोधी कार्य करने का कोरम पूरा किया जा रहा है. बाढ़ खंड के सहायक अभियंता मुन्ना यादव का कहना है कि दुबेछपरा-गोपालपुर-उदई छपरा का रिग बंधा व स्पर सुरक्षित है. केहरपुर व बहादुर बाबा स्थान के पास कोई योजना नहीं होने के कारण तत्काल कटान रोकने का कार्य नहीं किया जा रहा है. उक्त दोनों स्थलों का प्रस्ताव शासन के पास स्वीकृति के लिए विचाराधीन है.