गाजीपुर। जनपद के सदर क्षेत्र के फत्तेउल्लाहपुर स्थित सुखबीर एग्रो फैक्ट्री का गेट गुस्साए ग्रामीणों ने बंद कर दिया और प्रदर्शन करने लगे. फैक्ट्री से उड़ने वाली राख से ग्रामीणों का जीना मुहाल हो गया है. जिसके कारण सैकड़ों ग्रामीणों का गुस्सा रविवार को भड़क उठा. बाद में फैक्ट्री के इलेक्ट्रिक इंजीनियर एपी यादव की ओर से आश्वासन दिया गया कि वह इस प्रकरण को जीएम के समक्ष उठायेंगे, तब जाकर ग्रामीण शांत हुए.
सुखबीर एग्रो फैक्ट्री में वनस्पति घी का उत्पादन होता है. यह फैक्ट्री लगभग 12 वर्षो से चल रही है. फैक्ट्री से निकलने वाली राख हवा के जरिये उड़कर लोगों के घर आंगन तक पसर जा रही है. राख इतने बड़े पैमाने पर उड़ रही है कि लोगों के घरों व छतों पर लगभग एक इंच तक राख का परत जमा हो जा रहा है. इससे पर्यावरण पर प्रतिकूल असर तो पड़ ही रहा है, इसके साथ ही मानव स्वास्थ्य को भी खतरा बना हुआ है. आसपास के दर्जनों गांवों के लोग फैक्ट्री से उड़ने वाली राख से काफी परेशान हैं. लोगों के भोजन से लेकर बर्तनों तक पर राख पसर जा रहा है. जिसके कारण दो वक्त की रोटी खाना भी अब मुहाल हो गया है. हवा के संग राख उड़ने के कारण गर्मी के दिनों में ग्रामीण बाहर सो भी नहीं पाते हैं. छतों पर जो कपड़े सुखाने के लिए लटकाये जाते हैं, उनके उपर भी राख की मोटी परत जम जा रही है. इसी समस्या से आजिज आकर ग्रामीण लामबंद होकर सुखबीर एग्रो फैक्ट्री पर धमक पड़े. गुस्साए ग्रामीणों ने फैक्ट्री के गेट को बंद कर दिया और प्रदर्शन करने लगे. बाद में मौके पर पहुंचे फैक्ट्री के इलेक्ट्रिक इंजीनियर एपी यादव मामले की सत्यता की जांच करने के लिए खुद ग्रामीणों के घर व छतों पर पहुंचे. बाद में उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि वह इस प्रकरण को जीएम के समक्ष उठायेंगे. इसके साथ ही समस्या के समाधान के लिए ठोस पहल भी की जायेगी. उनके आश्वासन पर ग्रामीण शांत हुए.
ग्रामीणों का कहना है कि इस मुद्दे को लेकर वह कई बार धरना—प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन नतीजा सिफर निकला. पूर्व में दबाव में आकर फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से जाली लगाने का काम किया गया, लेकिन यह बाद में टूट गई. इसके बाद पानी का बौछार किया जाता रहा, ताकि राख उड़ने न पाए, लेकिन अब पानी का बौछार भी नहीं किया जाता है.