गंगा उफान की रफ्तार से केहरपुर और आसपास के गांव संकट में

बैरिया (बलिया): गंगा में उफान से तटवर्ती इलाके संकट में घिर गये हैं. केहरपुर गांव के सामने कटान में तेजी से 100 मीटर में 40 मीटर अंदर तक कटान आ गया है. हाल यह है कि पानी टंकी. ब्रह्मचारी आश्रम सहित कई इमारतें और लोगों के घर गंगा के किनारे आ गया है. उनमें गांव के तेजनारायण दुबे, जलेश्वर दुबे, सुरेंद्र दुबे, जयप्रकाश ओझा, पशुपति नाथ सुरक्षित स्थानों की ओर जाने लगे हैं.

लोगों का कहना है कि यही स्थिति रही तो एनएच 31 भी खतरे में पड़ जायेगा. बाढ़ विभाग वाले यहां प्लास्टिक के बोरियों में ईंट भरकर डलवा रहे है. फिर भी कटान की रफ्तार कम नहीं हो रही है. गांव के लोग दहशत में हैं. वहीं सुघर छपरा के सामने भी गंगा बस्ती की तरफ बढ़ रही है. तटवर्ती लोगों का आरोप है कि बाढ़ विभाग के अधिकारी बजट न होने की बात कह पल्ला झाड़ रहे हैं, जबकि यहां यहां धांधली की सूचना मिल रही है.

वहीं, दुबेछपरा रिग बंधे पर फिर कटानरोधी कार्य ठप पड़ने से वहां के गांवों के लोगों में आक्रोश है. इसी महीने गंगा ने बंधे पर दो बार कहर ढाया है. गांव वालों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की है.

गोपालपुर निवासी संदीप तिवारी, पंकज तिवारी, चंद्रकात तिवारी उदई छपरा के रामपरसन सिंह, पशुपति सिंह ने बताया कि रफ्तार घटने की सूचना के बाद ही विभाग सुस्त पड़ गया. मौके से जेनरेटर आदि को भी हटा लिया गया.

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इसकी शिकायत बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता वीरेंद्र सिंह से की गई. लोग कहते हैं कि अभियंता ने ग्रामीणों से कहा कि संसाधन की जहां जरूरत होगी वहां जाएगा, एक स्थान पर नहीं रहेगा.

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