


सिकन्दरपुर (बलिया)। तहसील क्षेत्र के चक बहाउद्दीन गांव में कीट/रोग नियंत्रण योजना के तहत कृषि रक्षा विभाग द्वारा रविवार को एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया. इसमें कृषि रक्षा विशेषज्ञों ने फसलों में कीट व रोग नियंत्रण के लिए किसानों को सारगर्भित जानकारी दी.
खरपतवार नियंत्रण का ऐसा बहुद्देशीय कार्यक्रम
इस मौके पर विशेषज्ञ एसएन सिंह ने कहा कि एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन कीट, रोग व खरपतवार नियंत्रण का ऐसा बहुद्देशीय कार्यक्रम है, जो वातावरण के सभी संसाधनों से हो रहे प्रदूषण को कम करने में सहायक है. इसमें सस्य क्रियाएं, यांत्रिक विधियां, जैविक नियंत्रण रासायनिक विधियों को मिश्रित कर उनका ऐसा उपयोग करना है, जिससे कीट, रोग व खरपतवारों की वृद्धि आर्थिक क्षति स्तर की सीमा पार न कर पाए.

नीम से बनी दवा एजाडिरेक्टीन का प्रयोग लाभदायक
बताया की खेत की मेढ़ पर उगे खरपतवार पर अपना जीवन चक्र चलाने वाला गंधी कीट धान के पौधों को क्षति पहुंचाता है. इसलिए मेढ़ों को खरपतवार से मुक्त रखना आवश्यक है. बताया कि धान में कीट नियंत्रण के लिए नीम से बनी दवा एजाडिरेक्टीन का प्रयोग लाभदायक है. धान की फसल की निगरानी करते रहने का सुझाव दिया कि शाकाणु झुलसा रोक की रोकथाम के लिए शुरू से ही प्रबंधन पर बल दिया जाए. पीपीएस पंदह हीरालाल ने शुद्ध व प्रमाणित बीज के प्रयोग बीज शोधन, रोगरोधी प्रजातियों के चयन एवं खेत में जलभराव को रोकने पर बल दिया.