शिक्षा ऐसी दी जाए, जिससे बच्चों का हो सर्वांगीण विकास:  डा० गणेश पाठक

रामगढ़(बलिया)। गुरूकुल एकेडमी, मझौवा, बलिया के वार्षिक समारोह कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा के पूर्व प्राचार्य एवं पर्यवरणविद् डा० गणेश कुमार पाठक ने कहा कि वर्तमान समय में दी जा रही शिक्षा दिशाहीन हो गयी है. शिक्षा ऐसी दी जानी चाहिए कि उससे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो, बच्चों में संस्कार पैदा करना शिक्षा का प्रथम उद्देश्य होना चाहिए. जब संस्कार पैदा हो जाता है तो अन्य गुण विकसित होने में कठिनाई नहीं होती है. शिक्षा ऐसी हो जिससे बच्चों का शारीरिक, मानसिक, आत्मिक एवं शैक्षिक विकास हो. जब ये सभी गुण बच्चे में आ जायेंगे, उसके सर्वांगीण विकास के आगे का मार्ग प्रशस्त हो जायेगा.
कार्यक्रम की खास विशेषता यह रही कि कार्यक्रम में बच्चे- बच्चियों के माता एवं पिता दोंनों आए थे. डा० पाठक ने माताओं एवं बहनों को संबोधित करते हुए कहा कि परिवार ही बच्चों की पहली पाठशाला होती है. माता पहली शिक्षिका होती है. माता अपने बच्चे में जो संस्कार बचपन में डाल देती है वह कभी मिटता नहीं.
समारोह में विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा एक से बढ़कर एक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया. जो किसी न किसी सामाजिक बुराइयों को दूर करने हेतु जागरूकता पैदा कर रहे थे। खासतौर से नारी सशक्तिकरण, बाल श्रम, बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ, दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या आदि सामाजिक बुराईयों को दूर करने से संबंधित रहे. देश भक्ति एवं ज्ञान- विज्ञान से संबंधित कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गये. कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रबंधक संजय तिवारी, विद्यालय के निदेशक एवं प्रधानाचार्य ने सभी आगन्तुकों के प्रति आभार व्यक्त किया.

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