पशुपालन आर्थिक स्वावलंबन का सुगम स्रोत

रसड़ा(बलिया)। बढ़ती जनसंख्या के कारण दिन प्रतिदिन कृषि योग्य भूमि की कमी होते जा रही है. जिसके कारण केवल कृषि से गुजारा करना कठिन हो गया है. गांव वासियों के लिए आजीविका के साधन कम हो रहे हैं. इस परिस्थिति में ग्रामीण किसान खेती बारी के साथ साथ यदि पशुपालन करें तो उन्हें आर्थिक स्वावलंबन के क्षेत्र में काफी सफलता प्राप्त हो सकती है.

उक्त बातें मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा० अशोक मिश्रा ने क्षेत्र के मिर्जापुर गांव में आयोजित पंडित दीनदयाल पशु आरोग्य मेला सह शिविर में मंगलवार को कहा. कहा कि ग्रामीण पशुपालन से दूध उत्पादन करके दूध एवं उसके उत्पाद को बेंचकर अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं.

सर्वप्रथम मेले का उद्घाटन मुख्य अतिथि भाजपा सह संयोजक गोरखपुर क्षेत्र दद्दन रघुवंशी ने किया. उपस्थित पशु चिकित्सकों ने पशुपालकों से पशुओं में होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों, उनके रोकथाम, टीकाकरण एवं उपचार के बारे में बताया. मेले में आए सैकड़ों पशुओं का विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों द्वारा टीकाकरण एवं उपचार आदि के बाद पशुपालकों में नि:शुल्क दवा आदि का वितरण किया गया. इस अवसर पर पशु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा संजय श्रीवास्तव, डा अल्तमस रजी, डा बद्रीप्रसाद पाठक, डा वेद प्रकाश यादव, डा संजय सिंह, डा ॠषिकेश कुमार आदि उपस्थित थे. संचालन डा रमेश यादव एवं आभार प्रकट डा सुनील सिंह ने किया. अगला पशु आरोग्य शिविर बुधवार 10 अक्टूबर को विकास खंड बेरुआर बारी के नारायण पुर गांव में आयोजित किया जाएगा. उक्त जानकारी डा० अखिलेश त्रिपाठी ने दिया.

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