‘डूहां मठ नहीं होता तो यह इलाका घाघरा की कोख में होता’

(डूंहा के श्री बनखंडी नाथ मठ से संतोष शर्मा)

SANTOSH SHARMAसिकन्दरपुर में तहसील दिवस में भाग लेने आए जिलाधिकारी राकेश कुमार अचानक डूंहा स्थित श्री बनखंडी नाथ मठ पहुंचे. उन्होंने वहां बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के साथ मठ की सुरक्षा  के लिए उसके उत्तरी दीवाल की तरफ से कराए गए पिचिंग के कार्य का निरीक्षण किया. साथ ही ऐतिहासिक मठ की कटान से सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने की बाढ़ विभाग के प्रभारी अधिशासी अभियंता कुमार गौरव को  निर्देश दिया. पिचिंग के कार्य पर असंतुष्टि व्यक्त करते हुए उसे उन्होंने अपर्याप्त बताया.

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जिलाधिकारी ने स्वीकार किया, पिचिंग के नाम पर जितना भी काम हुआ संतोष जनक नहीं

डीएम ने कहा कि यह मठ स्पर की तरह काम करता है. यदि यह मठ नहीं होता तो आसपास के इलाकों का अस्तित्व नदी की कटान से समाप्त हो गया होता. इस दौरान मठ के साधु-संतों से वहां की समस्याओं के बारे में जानकारी भी प्राप्त किया. साथ ही पिचिंग कार्य के बारे में उनसे पूछा. जिलाधिकारी को साधु-संतों ने भी बताया कि जो भी काम हुआ है, वह संतोष जनक नहीं है. जिलाधिकारी के साथ उप जिलाधिकारी अनिल कुमार चतुर्वेदी, तहसीलदार हीरालाल आदि भी मौके पर मौजूद थे.

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