गौ आश्रय निर्माण में उदासीनता को ले कर डीएम ने जताई नाराजगी

बलिया। सभी ब्लॉकों में एक पशु गौआश्रय बनाये जाने के संबंध में जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक हुई.
उन्होंने बताया कि पशुओं को रहने के लिए गौआश्रय के अंदर चारों तरफ बाउंड्री होनी चाहिए, बाउंड्री को कटीले तार या ईंट की दीवार से घेरा जाय. जिससे पशु इधर उधर न घूमे और पशुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए. गौआश्रय के अंदर शेड की व्यवस्था की जाए जिसमें वर्षा के समय पशुओं को अंदर रखा जाये. पशुओं के गले में रस्सी नहीं बाँधनी है.
पशुओं को बड़े एवं छोटे पशुओं को अलग-अलग रखा जाए. गौआश्रय के अंदर बिजली, सोलर पैनल, जल, चारा खाने के लिए नाद, साफ-सफाई आदि की व्यवस्था की जाए. सरकार की प्राथमिकता के अनुसार गौआश्रय बनाने के लिए प्रयाप्त मात्रा में धनराशि उपलब्ध है. गौआश्रय अस्थायी बनना होनी चाहिए. सभी ब्लॉकों में जितने गौआश्रय हैं, उसका रिपोर्ट तत्काल देने का निर्देश दिया. सभी बीडीओ और ग्राम पंचायत प्रधान को सख्त निर्देश दिया कि आप गौआश्रय को जल्द बनवायें मुख्यमंत्री मंत्री का सख्त निर्देश है.
सरकार ने गौआश्रय पर बहुत जोर दे रही है. जनपद में जितने आवारा पशु है. जो किसानों का फसलों को बर्बाद कर रहे है. उनके रखरखाव के लिए गौआश्रय का निर्माण किया जा रहा है. यदि कोई व्यक्ति एक बछड़ों को गोद लेता है तो उसको प्रतिमाह रुपये 900 उनके खाते में दिया जाएगा. अगर कोई बछड़ा मर जाता है तो सभी अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराई जाएगी. सभी ब्लॉक के बीडीओ एवं ग्राम पंचायत के प्रधान से गौआश्रय के संबंध में बारी-बारी से जानकारी ली. कार्य में लापरवाही पाने पर जराजगी जताई. पशु गौआश्रय की समीक्षा की जाएगी.

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