बैरिया (बलिया)। बैरिया तहसील दिवस के मौके पर आए जिलाधिकारी से मिलकर मधुबनी निवासी दिव्यांग कोटेदार हीरा सिंह ने बैरिया में तैनात पूर्ति निरीक्षक की शिकायत की. जिलाधिकारी ने उक्त दिव्यांग कोटेदार की बात बड़े ध्यान से सुनी. कोटेदार का आरोप था कि पूर्ति निरीक्षक उससे दो लाख रुपये सुविधा शुल्क मांग रहे हैं.
जिलाधिकारी द्वारा सुविधा शुल्क मांगने की वजह पूछे जाने पर कोटेदार ने बताया कि उसकी दुकान मधुबनी गांव में है. पूर्व में तीन माह के लिए बैजनाथ छपरा ग्राम पंचायत की कोटे की दुकान जब निलंबित हो गई तो हमारे ही दुकान से अटैच कर दी गई थी. पहले ही माह में जब मैं अपनी दुकान से वहां के कार्डधारकों का राशन वितरण कर रहा था, तो गांव के कुछ लोगों ने यह शिकायत की कि हमारे गांव में आकर ही वितरण किया जाए. मैंने उसमें अपनी असमर्थता जताई थी. मैं अपने ही दुकान से तीन माह तक उस गांव का वितरण किया. जिसके पहले ही माह में उस गांव के ग्रामीणों की शिकायत पर हमारे यहां तहसीलदार और नायब तहसीलदार जांच के लिए आए थे. तब जांच में सब कुछ सही पाया गया था, और मुझे अगले दो माह तक वितरण करने की अनुमति भी मिली थी.
कोटेदार ने कहा, दो माह पूर्व बैजनाथ छपरा की कोटा की दुकान बहाल हो गई और वहीं से उनका वितरण हो रहा है. जिससे मेरा कोई लेना देना नहीं है. अब फरवरी में पड़े हुए शिकायत की बात करके पूर्ति निरीक्षक हमसे दो लाख रुपये रिश्वत की मांग कर रहे हैं. नहीं देने पर दुकान बर्खास्त करने की धमकी भी दे रहे हैं. कोटेदार ने डीएम से गुहार लगाई कि मैं बूढ़ा व विकलांग आदमी हूं. इसी कोटे की दुकान से हमारे परिवार का भरण-पोषण चलता है. हमारे साथ न्याय किया जाए. जिलाधिकारी ने दिव्यागं कोटेदार को निश्चिन्त होकर गाँव जाने व अपने कोटे की दुकान से सही ढंग से नियमित वितरण करने का निर्देश दिया.