राष्ट्रगान के बाद भारत माता की जय व वन्दे मातरम बोलने पर छात्र को सजा देने को लेकर वायरल वीडियो प्रकरण
बिल्थरारोड (बलिया)। जीएमएएम इंटर कॉलेज में राष्ट्रगान के बाद भारत माता की जय एवं बंदेमातरम बोलने पर छात्रों को सजा दिए जाने के आरोप से संबंधित वायरल वीडियो मामले की डीआईओएस नरेंद्रदेव ने जांच शुरू कर दी है. दोपहर बाद कालेज पहुंचे डीआईओएस ने मामले की जानकारी प्रिंसिपल माजिद नासिर से ली और आवश्यक दिशा निर्देश दिए.
करीब डेढ़ घंटे तक विभिन्न पहलुओं पर वार्ता के बाद डीआईओएस ने कालेज प्रशासन को अनुशासन व साफ-सफाई के बाबत अनेक कदम उठाने के निर्देश दिए. जांच के बाद पत्रकारों से वार्ता के दौरान डीआईओएस नरेंद्रदेव ने कहा कि राष्ट्रीय गान जन-गण-मन के बाद भारत माता की जय के तीन बार जयकारा लगाने एवं वंदेमातरम के उद्घोष से मनोवैज्ञानिक व दार्शनिक दृष्टि से राष्ट्रप्रेम व निष्ठा की हमें सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और हम एक्टिवेट हो जाते है.अगर राष्ट्रीय गान होता है तो ऐसे उद्घोष से कतई रोका नहीं जा सकता.
कहा कि 2,136 छात्र-छात्राओं के भविष्य की जिम्मेदारी निभाने वाले जीएमएएम इंटर कॉलेज के हर दैनिक कार्य पर उनकी नजर होगी. उन्होंने जीएमएएम इंटर कॉलेज के प्रबंध तंत्र व प्रिंसिपल माजिद नासिर के दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि जीएमएएम इंटर कॉलेज अल्पसंख्यक कालेज नहीं है. यहां किसी तरह के कम्यूनल लॉ छात्रों पर नहीं थोपा जा सकता.
अन्य कालेज, स्कूल की तरह ही यह भी शासन द्वारा सहायता प्राप्त कॉलेज है. यहां कोई दूसरा नियम नहीं चलेगा. इसके पूर्व उक्त प्रकरण को लेकर एसडीएम राधेश्याम पाठक व उभांव एसएचओ राजेश कुमार सिंह ने भी कॉलेज प्रशासन ने वायरल वीडियों के संदर्भ में हकीकत जाना.
कॉलेज प्रशासन ने शनिवार को अपना पक्ष लिखित रूप में रखा. पूरे प्रकरण को कालेज प्रशासन ने छवि खराब करने की साजिश का हिस्सा बताया. प्रिंसिपल माजिद नासिर ने जारी बयान में कहा कि कालेज में छात्रों में किसी तरह का साम्प्रदायिक भेदभाव नहीं होता है. राष्ट्रभक्ति व अनुशासन के बीजारोपण के लिए यहां स्काउट गाइड का प्रशिक्षण भी होता है. उन्होंने अभिभावकों से द्वेषवश नकारात्मक संदेश देने वाले वायरल वीडियो पर भरोसा न करने की अपील की है.