पंदह (बलिया)। बुधवार की सुबह झोलाछाप डॉक्टर के यहां डिलीवरी कराने गए जच्चे बच्चे की मौत हो गई. जिसके बाद डिलीवरी करा रही झोलाछाप डॉक्टर की सहयोगी लड़कियां व उसके परिजन मकान का ताला बंद कर फरार हो गए. मृतका के परिजनों ने हंगामा किया, लेकिन क्षेत्रीय झोलाछाप चिकित्सकों के दबाव में आखिर मामला ठंडे बस्ते में चला गया.
मिली जानकारी के अनुसार कस्बा के गंधी मोहल्ला निवासी जाहिद कुरैशी की पत्नी फरीदा (उम्र 32 वर्ष) की डिलीवरी के लिए परिजन उसे मिल्कि मुहल्ला स्थित झोलाछाप चिकित्सका लालसा पत्नी उमेश वर्मा के यहां ले गए, जहां लालसा तो नहीं मिली, लेकिन उनकी सहयोगी लड़कियां महिला को भर्ती कर ली और रात भर रखीं, लेकिन सुबह तक जब डिलीवरी नहीं हुई तो परिजन घबराने लगे और डिलीवरी करा रही लड़कियों से पूछताछ शुरू कर दिए. इसके बाद डिलेवरी करा रही लड़कियां बताई कि एक घंटे में हो जाएगा. आप लोग जाइए नाश्ता करके आइए. जिसके बाद परिजन बाहर चले गए, जब नाश्ता करके थोड़ी देर बाद जब वह वापस लौटे तो लड़कियां मरीज को बाहर चारपाई पर लेटा कर फरार हो गयी थी.
इसके बाद वह कुछ देर तक इधर उधर खोजबीन किए, लेकिन वह कहीं नहीं मिली. इसके बाद वह मरीज को हिला-डुला कर देखे, लेकिन वह मर चुकी थी. जिसके बाद वह अपने मोहल्ले के लोगों को सूचना दिए. थोड़ी ही देर में सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंच गए, लेकिन ताला बंद होने के कारण वह शव को लेकर घर चले आए. यह जानकारी जैसे ही क्षेत्र के अन्य झोलाछाप चिकित्सकों को लगी तो वह पूरे मामले को दबाने में जुट गए. आखिरकार परिजन पुलिस को सूचना दिए, लेकिन पुलिस भी मामले में तत्परता नहीं दिखाई, जिसके बाद परिजन चुप हो गए.
एक तरफ केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार जच्चा बच्चा की सुरक्षा के लिए करोड़ों करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही हैं और हर सुविधा उपलब्ध करा रही हैं. उसके बाद भी अवैध झोलाछाप चिकित्सक उनके मंसूबों पर पानी फेरते हुए मरीजों के जान लेने पर तुले हुए हैं. इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. अजय कुमार तिवारी ने कहा कि मामला संज्ञान में नहीं है. अगर इस तरह का मामला सामने आएगा तो जांच कर कठोर कार्रवाई की जाएगी.