रसड़ा से नगरा के बीच हाई टेंशन बिजली के तार जर्जर होने से आए दिन परेशानी, भाजपा नेता ने ऊर्जा मंत्री को सौंपा पत्रक

नगरा. रसड़ा से नगरा को बिजली आपूर्ति करने वाली जर्जर हो चुकी तैतीस हजार केवी मेन लाइन तार को बदलने के लिए भाजपा के जिला महामंत्री आलोक शुक्ल ने लखनऊ में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मिलकर पत्रक सौंपा है. पत्रक में लिखा है कि तार जर्जर होने से बार बार टूट रहा है जिससे नगरा उप केंद्र को पर्याप्त बिजली आपूर्ति नहीं मिल पा रही है तथा हादसा होने की आशंका बनी रहती है.

आलोक शुक्ल के पत्र को गंभीरता से लेते हुए ऊर्जा मंत्री ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी को फोन कर रसड़ा-नगरा के बीच की तैतीस हजार केवी मेन लाइन के तार को प्राथमिकता के आधार पर बदलने हेतु स्टीमेट भेजने का निर्देश दिया. भाजपा जिला महामंत्री आलोक शुक्ल ने बताया कि इससे पूर्व भी ऊर्जामंत्री को इस लाइन के बावत पत्र दिया गया था. ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर अवर अभियंता द्वारा स्टीमेट बना कर जिले पर भेजा गया किन्तु अफसरों ने स्टीमेट को ऊपर नहीं भेजा.

रसड़ा से नगरा विद्युत उप केंद्र को आपूर्ति के लिए लगाया गया तैतीस हजार केवी वोल्टेज का तार पूरी तरह जर्जर हो चुका है जिससे आये दिन तार 13 किलोमीटर की दूरी में टूटता रहता है और उपकेंद्र से जुड़े 200 गावों में कभी 14 घण्टे तो कभी 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति बाधित रहती है. गर्मी में विद्युत आपूर्ति बाधित होने से दिन का चैन और रात की नींद हराम हो जाती है. लोग जाग कर रातें व्यतीत करते हैं. विद्युत तार भी अक्सर रात के समय में ही टूटता है. जिस कारण लोगो को रात काटना मुश्किल हो रहा है.

10 जून की रात में 8 बजे राघोपुर के पास जम्फर टूटने से 14 घण्टे विद्युत आपूर्ति बाधित रही. शुक्रवार को लगभग 14 घंटे के बाद विद्युत कर्मियों द्वारा जम्फर ठीक करने बाद आपूर्ति शुरू हो सकी. पिछले सप्ताह भी रात में एचटी तार टूटने के कारण ग्रामीण गर्मी से बिलबिला उठे. एक जून को रात में महाराजी देवी विद्यालय के पास 33 हजार एचटी लाइन का जंफर टूट गया था. पुनः दो जून को भी देवढिया गांव के पास एचटी तार टूट जाने से रात भर आपूर्ति ठप रही. बार बार तैतीस हजार एचटी लाइन का तार टूटने से उपभोक्ताओं को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. वहीं रात के वक़्त विद्युत कर्मियों को भी फाल्ट ढूंढने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.विद्युत विभाग के अफसरों पर शिकायत का कोई असर नहीं पड़ रहा है .

(नगरा से संतोष द्विवेदी की रिपोर्ट)

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