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बलिया। ऐतिहासिक ददरी मेला का सुप्रसिद्ध भारतेंदु कला मंच पर एक बार फिर मुशायरे का इतिहास लिखा गया. सोमवार व मंगलवार की दरम्यानी रात एक सफल अखिल भारतीय मुशायरे की और गंगा जमुनी तहजीब की गवाह ही नहीं बनी, बल्कि पूरी रात शेरोशायरी और गज़लों पर वाहवाह करने को मजबूर रही. देश विदेश में अपने फन का लोहा मनवा चुके शायरों और शायरातों ने इस मंच से एक से बढ़कर एक अपनी नज़मो को पेश कर मुशायरे के शौकीनों को भोर तक बैठे रहने पर मजबूर किया.
इससे पहले मुशायरे की शुरुआत न्यायमूर्ति मुहम्मद असलम जिला एवं सत्र न्यायाधीश बलिया , गोविन्द राजू एनएस जिलाधिकारी, वैभव कृष्ण पुलिस अधीक्षक ने फीता काट कर किया. नगर पालिका परिषद बलिया के अध्यक्ष प्रतिनिधि और पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मण गुप्ता और अधिशाषी अधिकारी संतोष कुमार मिश्र ने मुख्य अतिथि जिला जज मुहम्मद असलम साहब, जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस, पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण, एडीजे, सीजेएम, सिटी मजिस्ट्रेट से लगायत सभी आगंतुक अधिकारियों को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्रम से सम्मानित किया. श्री असलम ने कहा कि आज का यह मुशायरा ऋषि-मुनियों के सम्मान में आयोजित है, जो बलिया की गंगा जमुनी तहजीब को दर्शा रही है. मुशायरे के द्वारा जहां देश समाज के ताज़ातरीन हालात को दर्शाया जाता है, वही देश में सामाजिक सौहार्द बनाने में सहायता मिलती है. श्री असलम ने अध्यक्ष प्रतिनिधि लक्ष्मण गुप्त को गंगा जमुनी तहज़ीब को बढ़ाने वाली परंपरा मुशायरे के आयोजन के लिये धन्यवाद और शुभकामनाये दी. जिलाधिकार श्री राजू ने मुशायरे के आयोजन के लिये नगर पालिका परिषद को धन्यवाद दिया. पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने अपने शायराना अंदाज़ से उपस्थित लोगो को अचम्भित कर दिया. मुशायरे के कन्वीनर मुहम्मद परवेज़ रोशन और सभासद शकील आलम थे. मुशायरे का संचालन उमर फारुखी ने किया.