बलिया में भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त और विधायक सुरेंद्र सिंह के बीच कहासुनी, विधायक ने किया बहिष्कार

बलिया, जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) की बैठक में आज भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त और भाजपा के विधायक सुरेंद्र सिंह आपस में भिड़ गए. नौबत यहां तक पहुंच गई कि बैरिया से विधायक सुरेन्द्र सिंह ने बैठक का बहिष्कार कर दिया. इस बैठक में उस वक्त मंत्री आनंद शुक्ल और अन्य विधायकों के अलावा जिले के तमाम अधिकारी भी मौजूद थे.

जानकारी के मुताबिक बैठक के दौरान बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह को कुछ बोलने से रोका दिया तो सुरेंद्र सिंह को यह अच्छा नहीं लगा. इसके बाद सुरेंद्र सिंह ने तेज आवाज में बोलना शुरू किया तो सांसद के समर्थक काफी लोग अंदर आ गए जिससे माहौल और भी बिगड़ गया.

इसकी खबर पुलिसतक पहुंची तो पुलिस ने दोनों पक्षों को किसी तरह अलग किया. इसी बीच राज्यमंत्री आनंद शुक्ल और विधायक सुरेंद्र सिंह बैठक छोड़कर बाहर चले गए. सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने ने किसी तरह बैठक की औपचारिकता पूरी की. बताते चलें कि इस समिति ‘दिशा’ के अध्यक्ष सांसद ही हैं.

भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने बाहर आने के बाद कहा कि ‘अध्यक्ष (सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त) बैठक में किसी को भी बैठा लेते हैं यह मेरे विचार और सिद्धांतों के खिलाफ है.. बैठक की एक सूची होती है सिर्फ उन्हीं लोगों को बुलाया जाना चाहिए, अध्यक्ष जो कहेगा वही हो जाएगा क्या’? उन्होंने कहा कि बैठक में बलिया सांसद मनमानी कर रहे थे, हम लोगों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया है, इस तरह की मनमानी नहीं चलेगी. बैठक में जनप्रतिनिधियों को बुलाया जाता है और उन्हें पूरा सम्मान देते हुए उनकी बातों को सुना जाता है. विधायक ने जिलाधिकारी एसपी शाही पर सांसद के दबाव में काम करने का भी आरोप लगाया.

इधर बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने अपनी ही पार्टी के विधायक सुरेंद्र सिंह के आरोपों को गलत बताया. उन्होंने कहा कि ‘ उनकी (विधायक सुरेंद्र सिंह) एक आदत है, कहीं भी सरकारी-गैर सरकारी मीटिंग हो..अराजकता फैला कर गलत काम करने के लिए दबाव बनाना, मैं जिस बैठक में चेयरमैन हूं उसमें ऐसा नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वाले विधायक पार्टी के लोकतंत्र को भी नहीं मानते’.

बहरहाल इस मामले ने भाजपा की काफी किरकिरी करा दी है. भाजपा के सांसद और विधायक के बीच तनातनी का मामला इससे पहले संत कबीर नगर में भी सामने आ चुका है जब जूते तक चल गए थे. अब देखना है कि पार्टी इस मामले से कैसे निबटती है.
(बलिया से वीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट)

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