बलिया। मनियर ब्लाक के सुल्तानपुर गांव व बेरूआरबारी ब्लॉक के मैरीटार में चौपाल पर चर्चा कार्यक्रम के तहत डीएम गोविन्द राजू एनएस व जैव उर्जा बोर्ड के राज्य समन्वयक पीएन ओझा सीधे किसानों से रू-ब-रू हुए. जल प्लावित क्षेत्रों या नीलगाय के प्रकोप वाले क्षेत्रों में सगंध पौधों के अलावा बॉयोमास से बॉयोकोल उत्पादन की नकनीकी को बताया गया. इसी के माध्यम से किसानों की आय में इजाफा लाना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है.
कार्यक्रम में नीलगाय के प्रकोप से या अन्य कारणों से अलाभकर जमीन को ओषधि एवं सगंध फसलों के माध्यम से उपयोगी बनाने के साथ किसान की आय में इजाफा लाने के तरीके की जानकारी दी गयी. हार्वेस्टर के कटाई के बाद बचे अपशिस्टों का कैसे सदुपयोग करें, इसके बारे में भी बताया गया.
सुल्तानपुर गांव में जैव उर्जा बोर्ड के राज्य समन्वयक पीएस ओझा ने ओषधीय एवं सगंध फसलों के उत्पादन कार्यक्रम के अन्तर्गत लेमनग्रास, पामारोजा के विषय में बताया. कहा कि एक बार लेमनग्रास का रोपण करने के बाद 05 वर्षों तक लगातार तीन से चार बार उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है. रोपण के छह माह बाद उत्पादन शुरू हो जाएगा. सबसे अच्छी बात है कि लेमनग्रास कम उपजाऊ भूमि पर उगाया जा सकता है.