खेल कूद में काव्य पाठ, इ देख गंवई हुनर के ठाट

बलिया। जनपद स्तरीय खेल महाकुम्भ के प्रथम दिन का समापन सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुआ, जिसमें परिषदीय शिक्षकों द्वारा अपनी विधा से अलग हटकर काव्य पाठ का प्रदर्शन किया गया. कार्यक्रम के नामकरण के अनुरूप परिषदीय शिक्षकों ने एक से बढ़कर एक कविता पाठ कर उपस्थित जनों को यह बता दिया कि हुनर गंवई परिवेश में भी पल्लवित और पुष्पित हो सकता है.

सांस्कृति संध्या में शिक्षकों का काव्य पाठ भले ही मतदाता जागरूकता, साक्षरता अभियान और दहेज उत्पीड़न से जुड़े रहे हो, लेकिन देश भक्ति के जज्बे से ओतप्रोत कविताएं भी खूब सुनने को मिली. किसी ने अपनी कविता से पठानकोट और उरी हमले में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित किया तो किसी ने पड़ोसी मुल्क के नापाक हरकतों को बेनकाब करके रख दिया. मौजूद दर्शकों ने शिक्षक कवियों की शब्द श्रृंखलाओं का समर्थन भी किया. इससे पहले कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस ने बीएसए डॉ.. राकेश सिंह की पहल और खोज की जमकर तारीफ की.

जिलाधिकारी ने कहा कि छोटे-छोटे बच्चों के इतने बड़े कार्यक्रम का यह मेरा पहला अनुभव है. इनके प्रदर्शन, शिक्षकों की वाकपटुता और मेहनत के परिणाम स्वरूप ही ऐसा प्रतिफल प्राप्त हो सकता है. आप लोगों ने मतदाता जागरूकता हेतु जो कविता संग्रह प्रस्तुत किया है, वह भी अपने आप में अविस्मरणीय है. मतदाता और मतदान के महत्व को बताते हुए जिलाधिकारी ने शिक्षकों से इसके प्रचार-प्रसार में और योगदान की अपील किया. काव्य पाठ में अब्दुल अव्वल, अम्बरीश पांडेय, गणेश जी सिंह, अजय कुमार तिवारी, डॉ. मंजूर कमाल, संजीव कुमार मौर्य, विद्यासागर दूबे, अजीत सिंह ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की, जिसमें विजेता अब्दुल अव्वल को घोषित किया गया. बीएसए डॉ.राकेश सिंह ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी.

 

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