बलिया। जिलाधिकारी विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में बुधवार को एंटी करप्शन वाराणसी की टीम ने तैनात जीपीएफ लिपिक खड्ग बहादुर सिंह निवासी जगदीशपुर को जीपीएफ लोन पास कराने के नाम पर दो हजार रुपये घूस लेते हुए पकड़ लिया. टीम ने इनके खिलाफ सदर कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज कराया है. इस कार्रवाई से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा है.
मुड़ियारी ताजपुर इंटर कालेज में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर तैनात राजेश पांडेय निवासी रिगवन अपने पत्नी व मां के इलाज के लिए डेढ़ साल पूर्व 2.50 लाख रुपये लोन का आवेदन किया था. इसकी फाइल आजमगढ़ स्थित एडी आफिस से पास होकर डीआइएसओ आफिस बलिया आ गई थी. अब केवल वरिष्ठ लिपिक खड़ग बहादुर हस्ताक्षर होना था. फाइल पास करने के वरिष्ठ लिपिक खड़ग बहादुर सिंह ने दस हजार रुपये की डिमांड की थी. इसी बीच उसी विद्यालय पर तैनात अरुण की भी जीपीएफ से पांच लाख रुपये लोन संस्तुति के लिए आई. इसमें भी पैसे की डिमांड हुई. दोनों कर्मचारियों ने फाइलों को पास कराने के लिए पांच हजार रुपये पर सौदा तय किया. इसी बीच राजेश ने दो मई को इसकी शिकायत एंटी करप्शन के उच्चाधिकारी से की. इस पर वाराणसी एंटी करप्शन टीम ने राजेश से संपर्क किया. योजना के तहत एंटी करप्शन की टीम सुरेंद्र नाथ दुबे के नेतृत्व में पहुंच गई.
टीम ने 500 रुपये की चार नोट पाउडर लगाकर राजेश पांडेय का दिया था. इसे ले जाकर पीड़ित कर्मचारी ने फाइल तत्काल पास कराने के नाम पर वरिष्ठ लिपिक को दिया. इसी बीच टीम धमक गई और पाउडर लगे नोटों के साथ वरिष्ठ लिपिक को गिरफ्तार कर लिया. इस टीम में एसआइ संतोष दीक्षित, अशोक सिंह, हेड नरेंद्र सिंह, अश्वनी पांडेय व पुनीत सिंह आदि मौजूद थे.