


बैरिया (बलिया)। बैरिया थाना क्षेत्र के दयाछपरा गांव में कच्ची शराब बनाने वाले कारोबारियों पर गुरुवार की शाम की गई पुलिस छापेमारी पर बदले की भावना से की गई कार्रवाई का आरोप लगाया जा रहा है. इसकी शिकायत पुलिस के उच्चाधिकारियों को लिखित भेजने व न्यायालय जाने की तैयारी चल रही है.
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पीड़ित बोले, घर में घुसकर पुलिस ने टीवी, फ्रिज, अलमारी, कूलर, वाशिंग मशीन, पंखा आदि तोड़-फोड़ किया है
दिल्ली मेट्रो में कार्यरत दयाछपरा निवासी अवध पासवान का आरोप है कि पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर बर्बरता का परिचय दिया है. यह सही है कि शराब भट्ठियों को नष्ट किया गया है, लेकिन यहां से कोई भी बरामदगी की नहीं हुई है. बल्कि पुलिस ने लोगों के घर में घुसकर सामानों की तोड़फोड़ की है. अवध पासवान का कहना है कि उसके घर में घुसकर पुलिस ने टीवी, फ्रिज, अलमारी, कूलर, वाशिंग मशीन, पंखा आदि तोड़-फोड़ किया है तथा घर में रखा हुआ अनाज भी फेंक दिया है. ऐसा कई घरों में किया गया है. यहां चार दिन पहले सिपाहियों की कुछ लोगों ने पिटाई कर दी थी. इसी खुन्नस में पुलिस ने बदले की कार्रवाई की है.
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प्रेमचंद पासवान का आरोप है कि उस दिन मुझे ही पकड़कर सिपाही पैसे की मांग कर रहे थे. उस समय जुटे लोगों ने सिपाहियों के साथ हाथापाई की थी. प्रेमचंद का कहना है कि 8 दिसंबर को उसके बेटी की बारात आने वाली है. उसके घर में रखा हुआ सारा सामान तहस-नहस कर दिया गया है और दहेज में देने के लिये तैयार किया गया सामान पलंग इत्यादि भी तोड़ दिए गए हैं. उसके तो समझ में ही नहीं आ रहा है कि वह क्या करे ?
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यह सब आरोप बेबुनियाद है. घरों में महिला पुलिस घुसी थी. कहीं किसी के साथ बर्बरता नहीं किया गया है. सारी कार्रवाई की फोटोग्राफी और वीडियो रिकॉर्डिंग हुई है. अभियान के दौरान वहां की महिलाएं खुद ही अपने घरों में रखा राशन बिखेर रही थी और देख लेने का धमकी दे रही थी – त्र्यंबक नाथ दुबे (पुलिस क्षेत्राधिकारी)
ग्रामीणों का दावा, तीन बड़े शराब कारोबारी पूरी तरह से सुरक्षित, सिपाहियों की महफिल अब भी उन्हीं के यहां जमती है
कुल मिलाकर दयाछपरा में पुलिस द्वारा शराबबंदी को लेकर चलाए गए यह दोनों बार के अभियान पहले से ज्यादा जोरदार रहे. ऐसा वहां के ग्रामीणों का कहना है. इसके पहले इस तरह की बड़ी कार्रवाई पहले कभी नहीं हुई. लोगों की माने तो अवैध शराब के तीन बड़े कारोबारी अभी भी सुरक्षित है, बल्कि उन्हीं के यहां जाकर सिपाही रुकते हैं. उनके घरों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि दो- दो बार इतनी बड़ी पुलिस फोर्स लेकर यहां इतनी बड़ी कार्रवाई हुई, लेकिन एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई. लोगों ने संदेह जाहिर किया. कुछ तो है. कोई सूत्र तो है जो पुलिस के आने से पहले यहां सूचना पहुंचा देता है. सामान तो नहीं हटा पाते, लेकिन छोटे कारोबारी भाग जरूर जाते हैं.