इलाहाबाद मंडल में चुनाव 23 को – सावधान माननीयों, जनता खामोश है

इलाहाबाद से लालचन्द्र शुक्ला

इलाहाबाद, प्रतापगढ़ और कौशाम्बी में 23 फरवरी को विधानसभा का चुनाव है. 21 फरवरी को शाम 5 बजे चुनाव प्रचार बंद हो जायेगा. उसके बाद दरवाजे-दरवाजे मिलना ही विकल्प बचेगा. प्रत्याशियों और उनके आकाओं के पास सिर्फ तीन दिन बचा है. इसी तीन दिन में दिग्गजों को जनता को सम्मोहित करना है. किसका सम्मोहन तगड़ा होगा ये तो 11 मार्च को पता चलेगा.

प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी 20 फरवरी को आ रहे हैं. वह इलाहाबाद के अंदावा में जनसभा को सम्बोधित करेंगे. 20 को ही अखिलेश और राहुल गांधी का रोड शो था, लेकिन प्रधानमंत्री की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह रोड शो अब 21 फरवरी को होगा. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का भी रोड शो 21 को ही है. तीन दिग्गजों का रोड शो होने के कारण जिला प्रशासन के लिए चुनौती भरा काम है.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का गृह जनपद कौशाम्बी है और कर्मभूमि इलाहाबाद. इलाहाबाद जिले के फूलपुर से वह सांसद हैं. इसलिए इलाहाबाद और कौशाम्बी की सीटों को अपने पक्ष में रखना उनके लिए काफी चुनौती भरा प्रश्न है. यह उनके भविष्य को भी निर्धारित करेगा. इलाहाबाद जिले में 12 विधानसभा सीटें हैं. यह सूबे का सबसे ज्यादा विधानसभा सीट वाला जिला है.

कौशाम्बी में 3 और प्रतापगढ़ में 7 सीटें हैं. सभी सीटों का भ्रमण करने के बाद यही निष्कर्ष निकलता है कि सिर्फ नेता और कार्यकर्ता ही बोल रहे हैं, जनता खामोश है. कुरेदने पर भी सिर्फ एक जवाब, देखेंगे, हां ठीक है. जनता अपने काम में व्यस्त है. यदि कोई नेता आ गया तो उसकी सुन ली फिर काम में जुट गया.  न कहीं झंडा है न बैनर, सब कुछ आम दिनों की तरह है. दूसरे राज्य का व्यक्ति आ जाये तो वह यह नहीं जान सकता कि देश के सबसे बड़े राज्य में विधानसभा का चुनाव हो रहा है.

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