
बैरिया, बलिया. बलिहार निवासी 80 वर्षीय बुजुर्ग बृज नारायण मिश्र से दो महीने बाद राजकीय गेहूं क्रय केंद्र लालगंज के प्रभारी द्वारा कहा जा रहा है, कि आप अपना गेहूं वापस लेकर जाएं। आपके गेहूं की खरीद नहीं हुई है।
अपनी पीड़ा लेकर शुक्रवार को बैरिया तहसील पहुंचे बुजुर्ग ने एसडीएम को पत्रक देकर अपना दर्द सुनाया। बुजुर्ग ब्रिज नारायण मिश्र ने बताया की हॉट निरीक्षक गोदाम लालगंज में खुले राजकीय क्रय केंद्र पर वह अपना 100 कुंतल गेहूं सारी फॉर्मेलिटीज को पूरा करके ले गए थे। 20 मई को उनके गेहूं का क्रय केंद्र के कर्मियों द्वारा वजन किया गया, जब उनसे ई-पॉस मशीन पर अंगूठा लगवाया जा रहा था, तो उनका अंगूठा नहीं लगा। तब क्रय केंद्र पर के प्रभारी ने कहा कि आप निश्चिंत होकर जाइए इसकी व्यवस्था हो जाएगी, आपका आधार कार्ड जमा है।
इतने दिनों बाद भी खाते में पैसा नहीं आने पर जब बुजुर्ग क्रय केंद्र प्रभारी से मिले तो अब 2 माह बाद यह कहा जा रहा है कि आप अपना गेहूं ले जाए। आप की खरीद नहीं हो पाई है। बुजुर्ग का कहना है, कि हम अब कहां ले जाए इस बरसात में। मैं तो अपना आधार कार्ड लेकर सदेह वहां उपस्थित रहा। बुजुर्ग आदमी हूं। मेरे साथ तो यह अन्याय हुआ है।
बुजुर्ग ने उप जिलाधिकारी से अपने गेहूं का भुगतान कराने की मांग की है। उधर इस संदर्भ में क्रय केंद्र प्रभारी प्रदीप जायसवाल से जब पूछा गया तो उनका कहना था कि बुजुर्ग सही कह रहे हैं, लेकिन अंगूठा नहीं लगने के वजह से उनके गेहूं की खरीददारी नहीं हो पाई। उनका गेहूं सुरक्षित रखा गया है। वह अपना गेहूं ले जाए।
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अधिकारी पल्ला झाड़ रहे हैं लेकिन बड़ा सवाल है कि तकनीकी गड़बड़ी की सजा किसान को क्यों दी जा रही है, अगर गेहूं खरीद नहीं हो पाई थी तो अधिकारी इतने दिनों तक चुप्पी क्यों साधे रहे। गेहूं की खरीद 22 जून को बंद हो जाने के बाद भी उन्हें इसकी सुध क्यों नहीं आई।
बुजुर्ग ब्रिज नारायण मिश्र गुहार लगा रहे हैं कि शासन से उच्च अधिकारी और जनप्रतिनिधि उन्हें इंसाफ दिलाने में मदद करें।
(बैरिया से वीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट)