विकास भवन में डीआरडीए अभियंता पर हमला

[बलिया से कृष्णकांत पाठक]

pathak_50डीआरडीए (ग्राम्य विकास अभिकरण) के सहायक अभियंता उमेश चंद्र गुप्ता की विकास भवन में बृहस्पतिवार को मातहत क्लर्कों ने पिटाई कर दी. उमेश चंद्र का आरोप है की पीडी प्रमोद यादव के इशारे पर क्लर्कों ने मारपीट की. इस घटना के पीछे दो साल पुरानी इंदिरा आवास की जांच का मामला बताया जा रहा है. मामले में उन्होंने पांच नामजद बाबुओं के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी है. उधर, अभियंता की शिकायत पर जिलाधिकारी ने एएसपी और एडीएम को मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी है. इसके बाद पीड़ित सहायक अभियंता ने सीडीओ को अपनी आपबीती बताई.

  • बृहस्पतिवार को दफ्तर पहुंचते ही एई उमेश चंद्र गुप्ता से भिड़े क्लर्क
  • गरमागरम बहस, गालीगलौज के बाद के मामला हाथापाई तक पहुंचा

मामले की मजिस्ट्रेटी जांच करवाई जाएगी-सीडीओ

इसी क्रम में लिपिक संवर्ग का दावा है कि सहायक अभियंता अधिकारियों व कर्मचारियों के प्रति अशोभनीय भाषा का न सिर्फ इस्तेमाल कर रहे थे, बल्कि मारपीट पर भी आमादा हो गए. उधर, सीडीओ के बालाजी ने बताया कि तीन माह पहले ही सहायक अभियंता उमेश चंद्र गुप्त को वेतन दिया गया है. चूंकि घटना कार्यालय में हुई है, इसलिए पूरे प्रकरण की मजिस्ट्रेटी जांच करवाई जाएगी. पूरे प्रकरण से जिलाधिकारी को अवगत करवा दिया गया है. साथ ही दोनों पक्षों की बात सुन ली गई है.

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इंदिरा आवास में हुई धांधली में निष्पक्ष जांच का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है मुझे. इसी के चलते दो साल से मेरा वेतन बाधित है. पैसे के अभाव में मैं पत्नी का इलाज नहीं करा पा रहा हूं. वेतन के लिए बीते दो साल में कई बार पीडी और सीडीओ से फरियाद किया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. सच्चाई तो यह है कि परियोजना निदेशक प्रमोद यादव लंबे समय से यहां डेरा डाले हुए हैं. क्लर्कों के साथ मिलकर वे एक संगठित गिरोह चला रहे हैं. हमला भी इसी गिरोह ने किया है. वे मुझ पर अनियमित कार्य करवाने के लिए दबाव बना रहे थे. मना करने पर हमला करवा दिया
–उमेशचंद्र गुप्ता (सहायक अभियंता, डीआरडीए)

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फोटो: कृष्णकांत पाठक

परियोजना निदेशक ने एई के आरोप को बेबुनियाद बताया

इस प्रकरण पर पीडी प्रमोद कुमार यादव ने कहा कि एई के साथ मारपीट मामले से मेरा कोई लेना देना नहीं है. मुझ पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद है. एई का मनमुटाव काफी दिनों से विभाग के बाबुओं के साथ था. हां, दोनों पक्षों को बुलाकर उनसे बातचीत की जाएगी और उसकी रिपोर्ट आलाधिकारियों को अग्रसारित की जाएगी.

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