प्रयागराज। बैंक ऑफ इंडिया की सुलेमसराय शाखा में 4.25 करोड़ रुपये के गबन के आरोपी करेंसी चेस्ट प्रभारी वशिष्ठ राम को कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए पुलिस ने कोर्ट में अर्जी दी है. इस पर सुनवाई के बाद कोर्ट द्वारा उसे कस्टडी रिमांड पर देने का फैसला किया जाएगा. बैंक से सवा चार करोड़ रुपये के गबन का खुलासा तीन जुलाई को आंतरिक लेखा परीक्षण के दौरान हुआ. इसके बाद बैंक मैनेजर ने करेंसी चेस्ट प्रभारी वशिष्ठ राम, कारोबारी एसके मिश्रा और उसके बेटे के खिलाफ धूमनगंज थाने में मुकदमा लिखाया.
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बलिया जिले के सुरेमनपुर में पुलिस ने छापेमारी की, लेकिन वशिष्ठ पुलिस को नहीं मिला. दो अगस्त को उसने यहां कोर्ट में सरेंडर कर दिया. मुकदमे के विवेचना अधिकारी ने नैनी जेल जाकर वशिष्ठ राम का बयान दर्ज किया. उसने बैंक में एसके मिश्रा की पत्नी के खाते की जानकारी दी. विवेचना अधिकारी सियाकांत चौरसिया ने बताया कि वशिष्ठ को कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दी है. उसे रिमांड पर लेकर बैंक की सवा करोड़ रुपये की रकम व्यापारी को देकर ब्याज उगाहने के इस मामले में तमाम पूछताछ की जानी है.
गौरतलब है कि बैंक ऑफ इंडिया के 4.25 करोड़ रुपये करेंसी चेस्ट से नदारद हैं. आरोप है कि करेंसी चेस्ट अधिकारी वशिष्ठ कुमार राम ने यह रकम गायब कर ब्याज पर चला दिया है. वशिष्ठ बलिया जिले के सुरेमनपुर गांव का रहने वाला बताया जा रहा है. बैंक के दस्तावेजों में यही पता दर्ज है. ऐसे में प्रयागराज पुलिस बलिया पुलिस से संपर्क साध उसके बारे में जानकारी जुटा रही है. पूछा गया था कि सुरेमनपुर में इस नाम के शख्स का घर है, परिवार के लोग वहां रहते हैं या नहीं. मूल रूप से रायबरेली के रहने वाले विवेक कुमार गुप्ता बैंक ऑफ इंडिया सुलेमसराय शाखा के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक हैं. उनकी ओर से पुलिस को दी गई तहरीर में बताया गया है कि तीन जुलाई को करेंसी चेस्ट के आंतरिक लेखा परीक्षण के दौरान 4.25 करोड़ की अनियमितता पाई गई.