अब फिक्र उनकी जो मौत के मुंह में डेरा डाले रहे

बैरिया (बलिया)। बैरिया तहसील क्षेत्र में गंगा व घाघरा के उफनाने के दौरान बाढ से घिरे गावों में ठहरे रहे गम्भीर रूप से प्रभावित बाढ़ पीडितों में सरकारी राहत सामग्री का वितरण शुक्रवार को मुरारपट्टी से शुरू हो गया है. सच्चाई यह है कि जिले में एक अच्छी खासी आबादी ऐसे लोगों की भी है, जो प्रलय का आभास करवा रही आपदा के दौरान भी किसी न किसी वजह से मौत के मुंह में अर्थात टापू में तब्दील हो चुके अपने घर या गांव में डेरा डाले रहे. उन तक अब तक पहुंचने में प्रशासन भी खुद को असहाय पा रहा था.

इसे भी पढ़ें – बेकाबू डीसीएम पलटी, चालक-क्लीनर की मौत

उपजिलाधिकारी अरविन्द कुमार ने बताया कि इसके पूर्व बन्धों व शिविरों मे शरण लेने वाले 15,265 परिवारों मे 2,650 यूनिट राहत सामग्री का वितरण किया जा चुका है. आज मुरारपट्टी से गावों में ठहरे गम्भीर रूप से प्रभावित लोगों मे वितरण की शुरुआत की गयी. यहा कुल 252 लोगों की सूची तैयार की गयी थी. जांच मे 55 लोग अपात्र पाये गये.

इसे भी पढ़ें –पिकप के धक्के से बाइक सवार घायल

197 लोगों में 20 किग्रा गेहूं, 20 किग्रा चावल, 4 किग्रा दाल, 5 ली केरोसीन, माचिस, मोमबत्ती आदि प्रति परिवार वितरित किया गया. उपजिलाधिकारी ने बताया कि बैरिया तहसील क्षेत्र के 33 गांव व लगभग 80 हजार आबादी बाढ़ से गम्भीर  रूप से प्रभावित हुयी है. जिनकी सूची तैयार की जा रही है. फिर जांच में सही पाये जाने पर वितरण तुरन्त किया जायेगा.

इसे भी पढ़ें  –आखिर कैसे गुजारा कर रहे हैं बाढ़ पीड़ित

RAVISHANKAR_MISHRAदुबेछपरा रिंग बांध टूटने से हजारों लोग खुले आसमान के नीचे आ गए. आज भी कुछ लोग छतों या फिर सड़क पर दिन काट रहे हैं. ऊपर से चिलचिलाती धूप या फिर मूसलाधार बारिश और नीचे चारों तरफ पानी ही पानी. ऐसे में जिंदगी नरक बन कर रह गई. जाहिर है ऐसे हालात में संक्रामक बीमारियां पनपने का खतरा ज्यादा ही होता है. प्रशासनिक स्तर पर इस दिशा में भी गंभीरता से सोचना चाहिए – रविशंकर मिश्र, शुभनथहीं, बैरिया, बलिया (व्हाट्सऐप साझेदारी)

इसे भी पढ़ें – बैरिया के पांडेयपुर में बाढ़ में फंसे हैं लोग

This post is sponsored by ‘Mem-Saab & Zindagi LIVE’