दादा के छपरा में श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ
दुबहड़(बलिया)। स्वर्ग नरक दोनों इसी धरती पर हैं. जब जीव अच्छा कर्म करता है तो स्वर्ग भोगता है, और बुरा कर्म करता है तो नरक भोगता है. उक्त बातें दादा के छपरा में हो रहे लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के दौरान राष्ट्रीय संत गौरव कृष्ण शास्त्री ने भागवत कथा के दौरान कही. उन्होंने कहा कि व्यक्ति को हमेशा अच्छे कर्म करते रहना चाहिए. क्योंकि मृत्यु अटल है. जो इस धरती पर आया है, उसे एक दिन मरना जरूर है. इसलिए पृथ्वी के समस्त जीव धारियों को अपनी मृत्यु को सुंदर बनाना चाहिए. वह ऐसी मृत्यु मरे जिसे जमाना याद करे. कहा की मृत्यु को सबसे सुंदर बनाने का सहज तरीका हरि नाम संकीर्तन के अलावा कोई नहीं है. व्यक्ति को जीवन के अधिकतर समय भगवान के भजन कीर्तन, दान-पुण्य तथा विद्या अर्जीत करने में ही बिताना चाहिए. क्योंकि कहा गया है कलयुग केवल नाम अधारा सुमिरि सुमिरि नर उतरहिं पारा. इसी में जीवन की सार्थकता है.
इस मौके पर बलिया नगर विधानसभा के विधायक आनंद स्वरूप शुक्ला ने कथावाचक पंडित गौरव कृष्ण शास्त्री को माल्यार्पण कर सम्मानित करते हुए सभी लोगों का स्वागत भी किया. इस मौके पर मुख्य संत श्री रामभद्र करपात्री जी उर्फ बालक बाबा, पंडित अश्विनी कुमार उपाध्याय, गोगा पाठक, राजेश्वर पाठक, प्रभु नारायण पाठक, छोटे लाल गुप्ता, महंथ राय, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सुनील सिंह, पूर्व प्रधान जय कुमार सिंह, पूर्व जिला पंचायत सदस्य अरुण सिंह, कुनकुन सिंह, उमा चौधरी, दीपक, पीयूष, भोला, मिंटू,मोनू, बजरंगी, छोटू, मनीष, हरे कृष्ण, उमाशंकर पाठक, सर्बानन्द पाठक, वीरेंद्र नाथ चौबे, चंद्रशेखर सिंह आदि लोग रहे.