​यहां की सड़कें ही बता रहीं हैं लाल बालू के खेल की कहानी

नहीं दिया जा रहा भंडारण का लाईसेंस, 
अवैध में ही कट रही चांदी, सरकारी तंत्र के चलते ही हो रहा बवाल

जयप्रकाशनगर (बलिया)।  विधान सभा में लाल बालू की कहानी के लिए बहुत कुछ पड़ताल की कोई जरूरत ही नहीं है. इसके लिए सिर्फ जयप्रकाशनगर से शोभा छपरा, या लालगंज मांर्ग आदि की सड़क को ही गौर से देख लेने की जरूरत है. पूरी सड़क ही रात में ट्रैक्‍टर की ट्राली से बालू ढ़ुलाई के कारण लाल हो गई है. इसके बावजूद भी सरकारी तंत्र यह कहे कि लाल बालू के खेल की कहानी पर पूरी तरह रोक है, यह बात कुछ हजम नही होती. विगत दो दिनों से बैरिया में इसी मामले को लेकर माहौल पूरी तरह गर्म है. वहीं इस मामले के बाद बालू भंडारण के लिए लीगल तरीके से लाईसेंस लेने के लिए प्रयासरत लोग भी अपनी आवाज बुलंद करने लगे हैं. बालू के मामले में ही एक शिकायत समाजसेवी सूर्यभान सिंह की भी है. उनका कहना है कि सरकारी तंत्र बैरिया विधान सभा को लोकतांत्रिक तरीके से चलने ही नहीं देना चाह रहा है. बताया कि मैने स्‍वयं ग्राम पंचायत कोड़हरा नौबरार में शौचालय निमार्ण एवं पंचायती कार्यों के लिए लाल बालू के भंडारण के लिए तमाम प्रक्रियाएं पूर्ण कर लाईसेंस लेने का आवेदन दिया है. मुख्‍यमंत्री जी से लेकर कई मंत्रियों की संस्‍तुति के बाद भी इस मामले को जिला स्‍तर पर लटका कर रखा गया है. इसलिए कि बालू का खनन अवैध रूप से चलता रहे, और संबंधित लोगों की कमाई भी होती रहे. गत दिवस बैरिया में विधायक जी का खनन पर हस्‍तक्षेप जायज था. इस विधान सभा के कई स्‍थानों पर लाल बालू का खनन बेरोकटोक चल रहा है. इसी के साथ वसूली भी खूब हो रही है. इस बात पर विधायक जी का हस्‍तक्षेप करना गलत नहीं कहा जा सकता. जाहिर है जिस खनन की कहानी आम पब्लिक भी बारिकी से जानती है, वह प्रशासन के लोगों को कैसे पता नहीं है. लाल बालू के मामले में यदि कोई आम आदमी एक ट्राली बालू लेकर जा रहा है, तो उसे पुलिस पकड़ लेती है, वहीं रात के अंधेरे में बालू से भरा ट्रक कैसे बैरिया से पार हो जाता है. इसका जबाब किससे मांगा जाए, या फिर इसके लिए कौन जिम्‍मेदार कौन है ? 

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