पर्यावरण दिवस पर जेपी ग्रामीण प्रौद्योगिकी केंद्र में हुआ पौधारोपण
जयप्रकाशनगर से लवकुश सिंह
पर्यावरण दिवस पर जेपी नारायण ग्रामीण प्रौद्योगिकी केंद्र के द्धारा विशाल पौधारोपण का कार्यक्रम चलाया गया. इस दरम्यान प्राचार्य अशोक कुमार सिंह ने नेतृत्व में संस्थान की छात्राओं ने भी पौधारोपण कार्यक्रम में हिस्सा लिया. यहां आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में सभी मौजूद लोगों को पौधारोपण का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में भी हरियाली तभी आएगी, जब हमारा क्षेत्र भी वृक्षों से हरा-भरा दिखेगा. इसलिए हर इंसान को पौधों से प्रेम होना होना चाहिए. जिसे पौधों से प्रेम नहीं है, उसका जीवन व्यर्थ है.
अपने संबोधन मे ही उन्होंने बताया कि जेपी नारायण स्मारक प्रतिष्ठान सहित पूरे परिसर को हरा-भरा करने की कवायद यहां लंबे समय से जारी है. यहां पहले से आम, लीची, बेदाम, नारियल, हल्दी, कटहल, सीता वृक्ष, सहित 250 आम व 150 अमरूद के पौधों का भी पौधरोपण किया जा चुका है. पर्यापरण दिवस पर तो प्रतिवर्ष यह आयोजन और भी विशेष रूप से करने की हमारी परंपरा रही है. कहा कि पौधारोपण के लिए कभी किसी दूसरे पर आश्रित नहीं रहना चाहिए. यह एक पुण्य का कार्य है. उन्होंने एक कविता के माध्यम से भी लोगों को जागरूक करने का कार्य किया. कहा कि जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं है, पत्थर है, जिसे पौधों से प्यार नहीं.
यहां मौजूद हैं आम की दुर्लभ प्रजातियां
उन्होंने कहा कि यहां आम के विशेष प्रजातियों में लंगड़ा, दशहरी, हेमसागर, राजभोग, गुलाब खास, अम्रपाली, किशुनभोग, हापू, दीघा माल्दह, सफेद माल्दह, दुधिया माल्दह, रामकेला, बम्बईया, तोंतापरी, स्वर्णरेखा, शुकुल, सीपिया, जलबंद्धा, केलवा, सहित अन्य दर्जनों प्रजातियां मौजूद हैं, जो शायद ही कहीं और देखने को मिल जाएं. इसी क्रम में अमरूद की भी दुर्लभ प्रजातियों को यहां लगाया गया हैं. यह सिर्फ पर्यावरण के लिए ही अच्छी पहल नहीं, संपूर्ण इलाके के लिए एक संदेश भी है कि सभी लोग पौधारोपण के प्रति विशेष रूप से जागरूक हो सकें. इस मौके पर अन्य लोगों में रजनीकांत, संतोष, सुरेश, ज्योति जीवन वर्मा आदि सहित सभी ट्रेडों की तमाम छात्राओं ने भी खुद के हांथों पौधारोपण किया.