मौसम की आवारगी ने किसानों को जिगर थाम कर बैठने को मजबूर किया

सिकन्दरपुर (बलिया)। मौसम की अनिश्चितता ने किसानों को चिंता में डाल दिया है. उन्हें भय सताने लगा है कि मौसम की जो स्थिति है यदि बारिश हुई गेंहूं सहित अधिकांश फसलों के लिए तो हानिकारक होगा, फसलें नष्ट होंगी और उसका सीधा दुष्प्रभाव उनकी आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा.

इस वर्ष गेंहू सहित प्रायः सभी फसलें काफी अच्छी हुई हैं, किसान वर्ग खेतों में खड़ी फसलों को देख काफी खुश है, उन्हें उम्मीद है कि यदि फसलें समय पर कट कर उनके घर तक पहुंच गई तो उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. इसी के साथ इधर कई दिनों से आसमान पर बादलों की भाग दौड़ ने उन्हें आशंकित कर दिया है, वैसे अतीत में अनेक बार देखा गया है कि जिस वर्ष धान, गेहूं तथा अन्य फसलें अच्छी हुई हैं, उस वर्ष आपदाएं भी अधिक आई हैं.

सूखा व अतिवृष्टि से खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो किसानों को रुलाई हैं. फसलों के साथ ही किसान बर्बाद हुए हैं. उनकी पूंजी डूबने के साथ ही वह कर्ज के बोझ तले दबे हैं. इस संबंध में कृषि रक्षा अधिकारी नवानगर ने बताया कि यदि मात्र बदली रहती है तो गेहूं की फसल को कोई नुकसान नहीं होगा, जबकि माहूं कटर पिलर व फली छेदक कीटों का प्रकोप बढ़ेगा यह कीट दलहनी तिलहनी व अरहर की फसलों को क्षति पहुंचाएंगे. हां, बारिश के साथ हवा बहने पर गेहूं को भी काफी क्षति पहुंचेगी.

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