बलिया लाइव ब्यूरो
बलिया। भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के पूर्व उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उनके गृह जनपद बलिया में पुलिस ने उनके ठिकानों पर गुरुवार को सुबह छापेमारी की. पुलिस निधि नई बस्ती अंतर्गत उनके निजी आवास पर भारी संख्या में पुलिस बल के साथ तलाशी ली गई. परंतु घर पर दयाशंकर सिंह मौजूद नहीं थे. पुलिस ने पूछताछ भी की और उनके छोटे भाई धर्मेंद्र सिंह को घर से उठा लिया. जब इसकी जानकारी बलिया के छात्र नेताओं को हुई तो सभी पुलिस लाइन स्थित प्रतिसार निरीक्षक कार्यालय के सामने धरना पर बैठे गए.
इसे भी पढ़ें – दयाशंकर सिंह के ठिकानों पर पुलिस के छापे, भाई हिरासत में
धर्मेंद्र सिंह को हिरासत में लिए जाने पर धरने पर बैठे छात्र नेता
छात्र नेताओं का कहना है कि जब उनके भाई धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ कहीं भी कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं है तो फिर उन्हें पुलिस ने क्यों उठाया. धरना पर बैठने वालों में सतीश चंद्र महाविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष विवेक पाठक, मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय बलिया के छात्रसंघ अध्यक्ष राजेश सिंह, कुंवर सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष अजय यादव, आलोक सिंह मोनू, संतोष सिंह पुलिस लाइन में धरना पर बैठे रहे. उनकी मात्र इतनी मांग है कि धर्मेंद्र सिंह को तत्काल रिहा किया जाए.
इसे भी पढ़ें – दयाशंकर भाजपा से निष्कासित, एफआईआर दर्ज
रसड़ा में भी दया शंकर समर्थकों ने आवाज बुलंद की
भाजपा रसड़ा नगर संयोजक ठाकुर मंगल सिंह के आवास पर भाजपा कार्यकताओ की बैठक बृहस्पतिवार को सम्पन्न हुई. कार्यकर्ताओ ने बैठक में दया शंकर सिंह को पार्टी में ससम्मान सभी पदों पर बहाल किये जाने की मांग की.
इसे भी पढ़ें – बसपाइयों ने रोष प्रदर्शन कर दयाशंकर का पुतला फूंका
दयाशंकर गिरफ्तार किए गए तो हम चुप नहीं बैठ सकते – बाबा
अध्यक्षता कर रहे भाजपा युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष हरिकेश पाण्डेय उर्फ़ सुमित बाबा ने कहा कि दया शंकर सिंह को गिरफ्तार किया गया तो हम कार्यकर्ता आन्दोलन के लिये बाध्य होंगे. साथ ही पार्टी में उन्हें पार्टी शामिल करके पुनः सभी पदों पर बहाल करे अन्यथा हम सब युवा कार्यकर्ता भी इस्तीफा देने को बाध्य होंगे. बैठक में सत्या सिंह, तुषार सिंह गोलू, आनन्द सिंह, सुशील त्रिपाठी, अविनाश सिंह, मयंक शेखर, अमित सिंह दीपु, रामजी सिंह सेंगर, हरिकेश सिंह, भानु सिंह, मोहन सिंह आदि उपस्थित रहे. संचालन दुर्गेश सिंह गोलू ने किया.