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पर…परंतु…लेकिन…अर्थात
अभयेश मिश्र
बिल्थरारोड (बलिया)। विधान सभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने को लेकर चल रही चर्चाओं के मध्य सपा सरकार द्वारा भीमपुरा को क्षेत्र पंचायत बनाने की घोषणा से इलाके की राजनीति गरमा गयी है. इसकी घोषणा के समय व इसके मूर्त रूप को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. विधान सभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो गयी है. इस मध्य अखिलेश सरकार ने भीमपुरा को ब्लाक बनाने घोषणा कर इलाके की किले बन्दी की दिशा में एक अहम् कदम बढ़ा दिया है. भीमपुरा को क्षेत्र पंचायत बनाने की मांग लम्बे अरसे से होती रही है. पूर्व मंत्री स्व. शारदानन्द अंचल ने इसकी मांग जोर शोर से उठायी थी. कवायद तो शुरू हुआ, लेकिन वे अपने जीवन काल में अमली जामा नहीं पहना सके. अंचल की पुण्य तिथि के विभिन्न अवसरों पर भी यह मसला जोर शोर से उठा.
बतौर राजस्व मंत्री अम्बिका चौधरी ने कई बार इस सम्बन्ध में घोषणा की, लेकिन घोषणाएं भाषण तक ही सीमित रहा. गत 19 जुलाई को अम्बिका चौधरी ने सीयर क्षेत्र पंचायत परिसर में आयोजित सभा मंच पर ग्राम विकास मन्त्री अरविंद सिंह गोप से दूरभाष पर बातचीत का हवाला देकर घोषणा किया कि भीमपुरा ब्लाक बनाने का मामला अन्तिम चरण में है. तो लोगों को उनकी घोषणा पर सहज विश्वास नहीं हुआ. प्रदेश सरकार ने मंगलवार को भीमपुरा को बनाने की घोषणा कर इलाके वासियो की बहुप्रतिक्षित मांग पूरी कर दी है.
इससे इलाके में ख़ुशी की लहर है. लोग खुश तो हैं, परन्तु उन्हें यह चिंता भी सता रही है कि यह घोषणा केवल चुनावी घोषणा बनकर न रह जाय. हालांकि सपा के इलाकाई नेता इस घोषणा को अपनी एक अहम उपलब्धि बता रहे हैं. विधायक गोरख पासवान का दावा है कि अधिसूचना जारी होने के बाद अब बहुत जल्द भीमपुरा ब्लाक मूर्त रूप ले लेगा. दूसरी तरफ बसपा नेता व पूर्व मन्त्री घूरा राम इस घोषणा को चुनावी स्टंट करार देते हुए कहते है कि इस महीने के अंत तक चुनावी अधिसूचना जारी होने की उम्मीद है. ऐसे में ब्लाक बनना सम्भव नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि सपा सरकार ने जनता की आंख में धूल झोंकने के लिए यह चुनावी शिगुफा छोड़ा है.