रसड़ा (बलिया ) | बैंकों में एक दिन की छुट्टी के बाद मंगलवार को एक बार फिर पैसा जमा करने पैसा निकालने एवम पैसा बदलने के लिये बैंकों पर देर शाम तक ग्राहकों की भीड़ उमड़ी रही. बैंकों में देर शाम तक लंबी लाइन लगाने के बाद भी पैसा न मिलने से निराश लोग सरकार को खरी खोटी सुनाते हुए अपने घर गए. कुछ बैंकों ने पैसा देना शुरू भी किया तो कुछ ही देर में पैसा की कमी बताकर कर हाथ खड़े कर दिए.
सरकार का ये दावा भी टाय टाय फ़ीस नजर आया कि बैंकों के पास पर्याप्त मात्रा में धन है, अगर बैंकों में धन की कमी नहीं है तो बैंक पैसा देने में आनाकानी क्यों कर रहे है. सबसे ज्यादा परेशानी उनके घरों में देखी जा रही जिनके घरों में शादियां पड़ी है तथा किसी घर का कोई मरीज अस्पताल में भर्ती है. सरकार बहुत जल्द ही ठोस निर्णय लेकर कार्रवाई नहीं प्रारम्भ नहीं की तो स्थिति भयावह हो सकती है. लोगों को बढ़ते आक्रोश में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता सरकार की नोट बदलने की नीति का विरोध कर हवा देने में लगे है. मोदी सरकार काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक बता कर अच्छे दिनों की हवाला दे रही है, लेकिन लगता है की लोगों का बढ़ता आक्रोश आने वाले विधान चुनाव में कहीं जनता ही भाजपा की सर्जिकल स्ट्राइक न कर दे. अब तो आने वाला समय ही बताएगा.