बांसडीह, बलिया. यूपी सरकार की बजट पर प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष व सपा के कद्दावर नेता राम गोविंद चौधरी ने वर्तमान बजट 2023-24 को जनता को छलने वाला, दिवास्वप्न दिखाने वाला वास्तविक विकास से कोसों दूर रहने वाला बताया है. वहीं नई योजनाओं में पिछले वर्ष से 6449.14 करोड़ कम धनराशि ली गई.
लखनऊ से जारी पत्र में पूर्व नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद ने जिक्र किया है कि सरकार सबसे बड़ा बजट पेश करने का ढिंढोरा पीट रही है जबकि अगर वर्तमान मंहगाई को देखा जाए तो यह शून्य बढ़ोतरी का साबित होगा. भाजपा सरकार आंकड़ों के हिसाब से अगर महंगाई दर सिर्फ 6.5% को घटाकर देखे तो केवल 5.64 प्रतिशत बजट पिछले साल से बढ़ाकर प्रस्तुत किया गया है.
नई योजनाओं में पिछले वर्ष से 6449.14 करोड़ कम धनराशि ली गई है.इससे लगता है कि सरकार के पास नई योजनाएं नहीं है. भाजपा सरकार वर्ष 2022-23 के बजट का लगभग 50% धन खर्च कर पाई थी. कुछ मदों का पैसा तो विभागों को दिया ही नहीं गया.
सरकार धन खर्च करने में या तो बनियागिरी दिखाती है या उसका तंत्र फेल हो जाता है. सरकार स्वच्छता अभियान का ढिंढोरा पिटती है और सफाई कर्मियों की मौत व उनके परिजनों को दी जाने वाली धनराशि विभाग को ही नहीं गईं. संतो,पुजारियों,पुरोहितों के कल्याण बोर्ड का गठन तक नहीं किया जा सका है. इस बजट से किसान, युवा, बेरोजगार,श्रमिक, लघु उद्यमियों, व्यापारियों,अधिवक्ता और छात्रों विशेषकर मध्यम वर्गीय परिवार को कोई राहत मिलने वाली नहीं है.
बांसडीह से रविशंकर पांडेय की रिपोर्ट