बलिया लाइव ब्यूरो
इलाहाबाद। हवन सामग्री गंगा में डालने गई प्रधानाध्यापिका अर्चना सिंह (42) की धूमनगंज के मुंडेरा घाट पर डूबने से मौत हो गई. मालूम हो कि अर्चना मूल रूप से बलिया की रहने वाली थी. घंटों बाद भी जब प्रधानाध्यापिका घर नहीं पहुंचीं तो उनकी तलाश होने लगी. जब वह नहीं मिलीं तो घरवालों ने धूमनगंज थाने में गुमशुदगी की तहरीर दी. शनिवार सुबह मुंडेरा घाट पर श्रद्धालु नहाने गए तो महिला का शव उतराते देख पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
ग्राम विकास अधिकारी थे अर्चना के पति
शव मिलने की सूचना पर महिला के घरवाले पहुंचे और फोटो से शिनाख्त की. अर्चना सिंह (42) करछना स्थित एक प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापिका थीं. वह तेरह साल के बेटे और दस साल की बेटी के साथ चौफटका के पास अंबेडकर विहार कॉलोनी में रहती थीं. उनका मायका पोंगहट पुल के पास कृष्णापुरी कॉलोनी में है. स्कूल में छुट्टी होने के चलते दस दिन से वह बच्चों के साथ मायके में पिता गगन सिंह के पास रहने चली गईं. प्रधानाध्यापिका अर्चना सिंह के पति आलोक कुमार ग्राम विकास अधिकारी थे.