सिकंदरपुर/बैरिया (बलिया)। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के सूचनानुसार गंगा नदी का जलस्तर बक्सर में 55.090 मीटर, गायघाट में 54.090 मीटर बढ़ाव पर, घाघरा नदी का जलस्तर डीएसपी हेड पर 63.270 मीटर, चांदपुर में 56.63 मीटर जो स्थिर है और मांझी में 53.30 मीटर जो बढ़ाव पर है. टोंस नदी में गेज तक पानी नहीं है. बृहस्पतिवार तक कुल वर्षा 466.00 मिमी0 होना बताया गया है.
सिकंदरपुर प्रतिनिधि के मुताबिक क्षेत्र में घाघरा नदी का जलस्तर में निरंतर वृद्धि होती जा रही है. इसी के साथ जगह जगह कटान भी शुरू हो गया है. कटान का कारण पुरवा हवा व नदी जल का तेज बहाव है. पिछले 24 घंटे में नदी के जलस्तर में करीब 18 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है, जबकि 13 डिसमिल जमीन कटकर नदी में विलीन हो गई चुकी है. कटान से सर्वाधिक प्रभावित दियारा सीसोटार का मगही इलाका है, जहां पल पल जमीन को काटती नदी दक्षिण की तरफ बढ़ती जा रही है. जमीन के साथ ही किसानों द्वारा बोई गई विभिन्न फसलें भी बर्बाद होती जा रही है, जिससे उनकी कास्त में किसानों की लगी पूंजी भी नदी की भेंट चढ़ती जा रही है. उधर, दियारों को जाने वाले रास्तों पर जगह-जगह बरसाती पानी इकट्ठा व नदी के पुराने छाड़नों में जलभराव से अपने डेरों व खेतों पर आवागमन करने में किसानों की कठिनाई बढ़ती जा रही है.
बैरिया प्रतिनिधि के मुताबिक गंगा के जलस्तर में वृद्धि से तटवर्ती लोगों की बेचैनी बढ़ गई है. बढ़ते जलस्तर को देख गांव के लोग अपने घरों को तोड़कर सामान को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के कार्य में जुट गए हैं. वहीं पूर्व माध्यमिक विद्यालय केहरपुर में बच्चों का भविष्य खतरे के मुहाने पर खड़ा है. पहले से ही प्राथमिक विद्यालय गंगौली वर्ष 2010-11 व प्राथमिक विद्यालय श्रीनगर वर्ष 2016 में गंगा की विकराल धारा की आगोश में समाहित हो जाने के बाद पूर्व माध्यमिक विद्यालय केहरपुर से अटैच कर चलाया जा रहा है. इस विद्यालय में कुल 166 बच्चे पठन-पाठन करते हैं. गंगा से मात्र तीन मीटर की दूरी पर स्थित इस विद्यालय में अब तो बच्चों के अभिभावक भी बच्चों को भेजने से परहेज करने लगे हैं. इसी क्रम में वही स्थापित पानी टंकी पर भी संकट के बादल छाए हुए हैं. कटान रोकने के नाम पर बाढ़ विभाग खानापूर्ति का काम कर रहा है.
जलस्तर में वृद्धि के मद्देनजर कटान की आशंका से दूबेछपरा, गोपालपुर, उदईछपरा के पास हो रहे कटानरोधी कार्य का अवशेष हिस्से में कार्य मंद गति से जारी रहा. इस पर ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त किया. मौके पर अवर अभियंता मुन्ना यादव, रिजवान अहमद, प्रशांत गुप्त, जावेद अहमद अंसारी ने बताया कि वर्षा के कारण समयावधि में कार्य में अवरोध उत्पन्न हुआ. अब कार्य प्रगति पर है. शीघ्र ही बचाव कार्य संपन्न हो जाएगा. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि जलस्तर में वृद्धि के कारण पहले ही स्पर व जियो सीट डालने का कार्य ठप हो गया. एक साइड पर पिचिंग कार्य पूर्ण है, लेकिन दूसरे साइड पर कार्य कच्छप गति से चल रहा है. ऐसे में कटान स्थल से एनएच की दूरी मात्र 22 मीटर रह गई है.