बलिया। राष्ट्रीय कृमि दिवस (10 अगस्त) को 1 से 19 वर्ष के सभी लड़के और लड़कियो को एल्बेण्डाजोल की गोली खिलाई जाएगी. जिलाधिकारी सुरेंद्र विक्रम ने मंगलवार की देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार मे राष्ट्रीय कृमि दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को अंतिम रूप देने के लिए जिला समन्वय समिति की बैठक कर जरूरी दिशा निर्देश दिए. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को इस कार्यक्रम को पूरी गम्भीरता से लेते हुए पूरी तैयारी कर लेने को कहा है.
डीपीआरओ को निर्देश दिया कि ग्राम प्रधानों की मदद से गांवों में 1 से 19 वर्ष के सभी बच्चों को एल्बेण्डाजोल की गोली खिलाए जाने के लिए जागृति अभियान चलाया जाए. प्रभारी जिला विधालय निरीक्षक, बीएसए व डीपीओ को निर्देश दिया कि वे विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में राष्ट्रीय कृमि दिवस का व्यापक प्रचार प्रसार कराएं. सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में 1 से 19 साल के बच्चों (लड़के और लड़कियों) को डिवर्मिंग की दवाई खिलाई जाएगी. जिससे बच्चों की बेहतर सेहत, पोषण, स्कूल में बच्चों की उपस्थिति में बढ़ोतरी और बेहतर जीवन हो.
इस अवसर पर सभी प्रतिभागियो को डीसीपीएम अजय पाण्डेय ने राष्ट्रीय कृमि दिवस हेतु प्रशिक्षण दिया. सीएमओ डॉ. एसके तिवारी, प्रभारी चिकित्साधिकारी, समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारी, सीडीपीओ, बीसीपीएम सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
कृमि संक्रमण के लक्षण
कृमि संक्रमण अस्वच्छता के कारण तथा संक्रमित मिट्टी के संपर्क द्वारा संचारित होता है. कृमि की जितनी अधिक मात्रा (तीव्रता) होगी, संक्रमित व्यक्ति के लक्षण उतने अधिक होंगे. तीव्र संक्रमण से कई लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं. जैसे दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख की कमी. हल्के संक्रमण वाले बच्चों में आम तौर पर कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं.
कृमि संक्रमण के नुकसान व बचाव के तरीके
कृमि बच्चों के शरीर के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्वों को खा लेते हैं, इससे खून की कमी, कुपोषण और वृद्धि में रुकावट आ जाती है. इससे शारीरिक विकास पर खास असर पड़ता है. राउंड कृमि आंत में विटामिन-ए को अवशोषित कर लेते हैं.
कृमि संक्रमण की दवाई खाने के साथ ही महत्वपूर्ण व्यवहार को अमल कराकर भी रोकथाम कर सकते हैं. इसके लिए जरूरी है कि नाखून साफ रखें, हमेशा साफ पानी पीएं, खाने को ढ़क कर रखें, आसपास सफाई रखें, खाने से पहले व शौच के बाद अच्छे से हाथ धोएं, खुले में शौच न करें, शौचालय का ही प्रयोग करें.
कृमि संक्रमण का इलाज
कृमि नियंत्रण की दवाई एल्बेण्डाजोल मुफ्त उपलब्ध है. एल्बेण्डाजोल बच्चों व वयस्कों दोनों के लिए एक सुरक्षित दवा है. इसका प्रयोग दुनिया भर में करोड़ों लोगों में कृमि संक्रमण का इलाज में किया जाता है. बडे बच्चें भी गोली को चबाकर ही खायें और आवश्यकतानुसार पानी पियें. बिना चबाए खायी गयी एल्बेण्डाजोल दवा का प्रभाव महत्वपूर्ण रूप से कम हो सकता है.