कुलपति प्रो.योगेन्द सिंह व एमएलसी पप्पू सिंह ने सभी विजेताओं को चेक देकर किया सम्मानित
बलिया। 20वीं शताब्दी में भारतीय राजनीति के केन्द्र बिन्दु रहे जननायक चन्द्रशेखर की 90वीं जयंती पर कृतज्ञ जनपद ने उस युवा तुर्क को न सिर्फ दिल से कृतज्ञता ज्ञापित किया, बल्कि तन्मयता से श्रद्धा के फूल भी चढ़ाये. इस उपलक्ष्य में राष्ट्रनायक चन्द्रशेखर मैराथन समिति के बैनर तले 21.1 किलोमीटर का चन्द्रशेखर हाॅफ मैराथन भी आयोजित किया गया. पचखोरा से वीर लोरिक स्पोर्ट्स स्टेडियम तक निर्धारित धवल पथ पर सैकड़ों की संख्या में धावकों ने अपने जोश व जज्बे का प्रदर्शन किया, जिसमें विदेशी धावक भी शामिल हुए.
आजादी के महानायक मंगल पांडेय के पैतृक गांव नगवां निवासी व वीर लोरिक स्पोर्ट्स स्टेडियम बलिया का जाबांज अनिल यादव ने 21.1 किलोमीटर की दूरी को 1 घंटे 04 मिनट 57 सेकेंड में तय कर पहली श्रद्धांजलि अर्पित करने वाला धावक बना, जबकि 16 सेकेंड बाद समापन बिन्दु पर पहुंचे विदेशी धावक डानियल चेरूनट ने केन्या की तरफ से राष्ट्रनायक को द्वितीय श्रद्धांजलि दी. तीसरे स्थान पर रहे इलाहाबाद के धर्मेन्द्र कुमार यादव, जिन्होंने निर्धारित दूरी को एक घंटे 05 मिनट 31 सेकेंड में तय किया.
नबाबों की धरती लखनऊ से चलकर आए रवीन्द्र कुमार व जावेद अली क्रमशः चौथे व पांचवें स्थान पर रहे. छठवें स्थान पर बागी धरती के लाल राकेश कुमार वर्मा रहे, जबकि सातवें व आठवें स्थान पर देवरियां के धावक जितेन्द्र राजभर व राजकिशोर रावत ने झंडा गाड़ा. नौवें स्थान पर वाराणसी के मो. शाहिद तथा 10वें तथा 11वें स्थान पर बलिया के धावक क्रमशः सोनू व ईश्वरचन्द्र रहे.
जननायक विश्वविद्यालय बलिया के कुलपति प्रो. योगेन्द्र सिंह व एमएलसी रविशंकर सिंह पप्पू ने प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ तथा पंचम स्थान प्राप्त करने वाले धावकों को क्रमशः 51 हजार, 25 हजार, 15 हजार, 10 हजार व पांच हजार रुपये से पुरस्कृत किया. वहीं, छठवें से 11वें स्थान तक के धावकों को 2000-2000 रुपये के सांत्वना पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया.
इससे पहले पुरस्कार वितरण समारोह की औपचारिक शुरूआत वीर लोरिक स्पोर्ट्स स्टेडियम में राष्ट्रनायक के तैल चित्र पर पुष्पार्चन, सरस्वती वंदन व स्वागत गीत से हुई. एमएलसी रविशंकर सिंह पप्पू ने चन्द्रशेखर को भारतीय राजनीति का अलौलिक व्यक्तित्व बताया. कहा कि उस महानायक का व्यक्तित्व और कृतित्व सदैव हमारा मार्ग दर्शन करता रहेगा. कुलपति प्रो. योगेन्द्र सिंह ने कहा कि भारतीय लोकतांत्रिक प्रक्रिया की महिमा, गरिमा और मधुरिमा का सदैव ध्यान रखने वाले जननायक के विचारों को आत्मसात करना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी. चन्द्रशेखर हर कोई नहीं हो सकता. वे नौजवानों के प्रेरणास्रोत हैं. चन्द्रशेखर जहां जाते थे, कारवां बन जाता था. असफल धावकों का उत्साहवर्धन करते हुए कुलपति ने कहा कि प्रयास जारी रखे, आज नहीं तो कल सफलता आपका कदम चूमेंगी.
समिति के सचिव उपेन्द्र सिंह ने समस्त गणमान्य व्यक्तियों व सहयोगियों का स्वागत करते हुए विजेताओं सहित प्रतिभागियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की. इस दौरान अंतर्राष्ट्रीय वॉलीबाल खिलाड़ी भृगुराम पांडेय व अनन्या राय, उप्र वॉलीबाल एसो. टेक्निकल कमेटी के चेयरमैन सीपी सिंह, डाॅ. राधेश्याम राय, कमलेश सिंह, उप्र र एसो. से निर्णायक रूस्तम खां, दिनेश जायसवाल, देवी प्रसाद, विनोद कुमार, देवेन्द्र सिंह, हर्ष श्रीवास्तव, रामवचन यादव, राकेश सिंह, लक्ष्मीशंकर सिंह, सुनील पटेल, धर्मेन्द्र कुमार, सत्येन्द्र राय, प्राशिसं के जिलाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह, अजीत पाठक इत्यादि मौजूद रहे. अध्यक्षता द्विजेन्द्र राय तथा संचालन प्रदीप यादव ने किया.
इनका रहा सहयोग
चन्द्रशेखर हाॅफ मैराथन को सफल बनाने में समिति के सुधीर सिंह, उमेश सिंह, नीरज राय, मनोज शर्मा, धर्मवीर सिंह, इफ्तेखार खां, डाॅ. कमलदेव, जय सिंह, रूस्तम अली, जय सिंह, संतोष चौबे, आशुतोष तोमर, अजय सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, अनिल वर्मा, मंटू सिंह, संजय सिंह, संजय यादव, अजीत सिंह, निर्भयनारायण सिंह, अभिषेक सिंह, असीमानंद सिंह, सरदार मो. अफजल, पंकज, प्रदीप कुमार, डाॅ. गणेश पाठक इत्यादि तन्मयता से जुटे रहे.
धावकों की सुविधा के लिए चैकन्ना रहा प्रशासन
चन्द्रशेखर हाॅफ मैराथन की निर्धारित प्रारम्भ रेखा पचखोरा स्थित शारदा आटो मोबाइल्स से सोमवार को प्राप्तः 6.55 बजे अतिथि द्वय एमएलसी रविशंकर सिंह व कुलपति प्रो. योगेन्द्र सिंह का संकेत मिलते ही धवल पथ पर प्रतिभागियों का काफिला निकल पड़ा. इससे पहले सुबह से ही प्रतिभागियों के पहुंचने का तांता शुरू हो गया था. आयोजन समिति द्वारा प्रतिभागियों को उक्त बिन्दु तक पहुंचाने की माकूल व्यवस्था की गयी थी. प्रारम्भिक बिन्दु से समापन बिन्दु तक धावकों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए समिति के साथ प्रशासन भी चैकन्ना रहा.
धावकों का हौंसला औफजाई करते रहे सड़क के किनारे खड़े लोग
मैराथन मार्ग पर जगह-जगह धावकों के लिए रिफ्रेशमेंट बूथ बनाया गया था, जहां नीबू-पानी, शर्बत, ग्लूकान-डी, आयोडेक्स इत्यादि की व्यवस्था थी. इन बूथों पर समिति के समर्पित कार्यकर्ताओं मुस्तैद रहे. कुल 21.1 किलोमीटर के हाॅफ मैराथन में धावकों का हौंसला आफजाई करने के लिए लोगबाग सड़क के दोनों तरफ भारी संख्या में मौजूद रहे.