बलिया। जंगे ए आजादी के प्रथम शहीद मंगल पांडेय की कुर्बानी को भले ही सरकार एवं आज के राजनेता याद करें या न करें, लेकिन शहीद की माटी से जुड़े लोग प्रतिवर्ष उनकी जयंती एवं पुण्यतिथि पर उनके क्षेत्रीय गांव के लोग, अपने लाल की कुर्बानी पर गर्व करते हुए कार्यक्रमों का आयोजन कर मंगल पांडेय के चरित्र से प्रेरणा लेने के लिए लोगों को संदेश देते रहते हैं.
जयंती की पूर्व संध्या पर रविवार के दिन मंगल पांडेय की 186 वी जयंती उनके पैतृक गांव नगवां (बंधुचक) में मंगल पांडेय विचार मंच के सदस्यों द्वारा उनके परिजनों को सम्मानित किया गया. मंगल पांडे अमर रहे के नारों के बीच रविवार को मंगल पांडेय की प्रपोत्र वधु तेतरी देवी एवं वंशज शशांक पांडेय को स्मृति चिह्न एवं अंगवस्त्रम से सम्मानित किया गया. इस मौके पर मंगल पांडेय के पैतृक घर पहुंचे विचार मंच के सदस्यों ने उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात कर उनका हालचाल लिया और आश्वासन दिया कि भविष्य में हर समय मंगल पांडेय विचार मंच के कार्यकर्ता उनके परिवार के साथ खड़े हैं. विचार मंच के अध्यक्ष कृष्ण कांत पाठक ने कहा कि आज हमारी सरकार मंगल पांडेय के बलिदान को लगभग भूल चुकी है.
मंगल पांडेय की जयंती पर उनके पैतृक गांव एवं जिले पर सरकारी कार्यक्रम होने चाहिए. मंच के उपाध्यक्ष अंजली सिंह ने कहा कि मंगल पांडेय के परिजन किस हाल में है, इसका हाल चाल लेने के लिए भी हमारे नेता और अधिकारियों के पास समय नहीं है. इस मौके मौके पर गणेशजी सिंह, डॉ. हरेंद्र यादव, रणजीत सिंह, बब्बन विद्यार्थी, पन्ना लाल गुप्ता, रितेश पाठक, सूर्य प्रताप यादव, अजय पाण्डेय, अख्तर अली, अजीत पाठक, राजू मिश्र, अरुण सिंह, श्रीकांत राय, नागेंद्र तिवारी, आदि मौजूद रहे.