भोजपत्तर बहुरा, तीज-जिउतिया, छठ परब आ हमार लोक संस्कृति जेवना दिन पुरुख मेहरारू बनि जइहें, गुन के मामला में त ई दुनिया साँच में सरग बनि जाई.