धनतेरस के अवसर पर बाजार की रौनक को देखते हुए एक बार फिर यह प्रमाणित हो गया कि श्रद्धा तथा परम्परा ने महंगाई को बुरी तरह पराजित कर दिया है. एक तरफ जहां मिट्टी के दियों के प्रति महिलाओं की ललक देखी गई. वहीं ज्वेलरी तथा बर्तन की दुकानों पर पुरुषों से अधिक महिलाओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही.