दुनिया की सबसे लंबी क्रूज यात्रा की शुरुआत, गाजीपुर और बलिया में भी चार फ्लोटिंग जेटी

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गंगा के रास्ते बदलाव की बया

उधर, सूर्यदेव धनु से मकर राशि में आने की तैयारी में जुटे थे, इधर वाराणसी से दुनिया की सबसे लंबी क्रूज यात्रा की शुरुआत हो गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर गंगा विलास क्रूज को काशी से रवाना किया. गंगा विलास को रवाना करने के साथ ही पीएम ने गंगा पार रेत में बसाए गए टेंट सिटी का भी उद्घाटन कर दिया. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री एस सोनोवाल, यूपी के सीएम आदित्यनाथ मौजूद रहे. बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और असम के सीएम एचबी सरमा वर्चुअली भी इवेंट में शामिल रहे.

हर-हर महादेव के उद्घोष से पीएम ने की संबोधन की शुरुआत
पीएम ने क्रूज को रवाना करने से पहले हर-हर महादेव के उद्घोष से अपना संबोधन शुरू किया. कहा, मैं सभी विदेश पर्यटकों का स्वागत करता हूं. उन्होंने जलमार्ग को सबसे सस्ता साधन बताया.कहा कि गंगा विलास क्रूज 25 अलग-अलग नदियों से होकर गुजरेगा. देश में कुल 111 जलमार्ग हैं, जिनमें 5 पुराने, 106 नए जलमार्ग हैं. 20,275 किलोमीटर के जलमार्ग 24 राज्यों में फैले हुए हैं. जलमार्ग से सबसे बड़ा फायदा है इससे सड़क की जाम में फंसने का कोई झंझट नहीं होता. इसके अलावा एक्सीडेंट का खतरा सबसे कम होता है. भारी सामानों की ढुलाई अन्य साधनों के मुकाबले जलमार्ग से आसान है. 111 राष्ट्रीय जलमार्गों को विकसित किया जा रहा है. क्रूज टूरिज्म का ये नया दौर युवाओं को रोजगार देगा.

नई पहचान से आगे बढ़ रही है काशी – सीएम योगी
पीएम मोदी से पहले सीएम योगी ने कार्यक्रम को संबोधित किया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले तीन दिनों में गंगा विलास के पर्यटकों ने वाराणसी और आसपास के स्थानों का दौरा किया और यहां की संस्कृति को जाना. काशी आज एक नई पहचान के साथ आगे बढ़ रही है.

पर्यटकों का बिहार की संस्कृति और इतिहास से परिचय होगा
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि गंगा विलास क्रूज बिहार के 6 स्थलों बक्सर, छपरा, पटना, सिमरिया, मुंगेर, सुल्तानगंज और कहलगांव में रुकेगा. ये राज्य के लिए सौभाग्य की बात है. इससे पर्यटकों का बिहार की संस्कृति और इतिहास से परिचय होगा.

गाजीपुर और बलिया में भी चार फ्लोटिंग जेटी
बता दें कि वाराणसी में अब गंगा के रास्ते बदलाव की बयार बह रही है.एक ओर क्रूज काशी से डिब्रूगढ़ की यात्रा करेगा तो दूसरी ओर धार्मिक अंदाज में टेंट सिटी पर्यटन को धार देती नजर आ रही है. इसी के साथ पीएम ने गंगा पार रेती पर बसी टेंट सिटी और गाजीपुर और बलिया में बनी चार फ्लोटिंग जेटी का भी उद्घाटन कर दिया. इसमें सैदपुर, चोचकपुर, जमानिया और बलिया के कंसपुर के नाम शामिल हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले नामांकन के दिन कहा था कि मुझे मां गंगा ने बुलाया है, तब ही तय हो गया था कि अब पीएम मोदी गंगापुत्र की भूमिका में होंगे और गंगा के लिए कुछ तो जरूर करेंगे. पीएम का सपना भी था कि गंगा के किनारे गंगा से रोजगार पाएं अब वो सपना सच होता नजर आ रहा है.

‘गंगा विलास’ क्रूज़ में 52 दिन के सफ़र की क्या है खासियत
‘गंगा विलास’ क्रूज में  18 कमरे हैं. जिसमें 36 लोग सफर कर सकते हैं. यात्रियों के साथ ही 36 क्रू मेंबर भी इसमें सवार होंगे. इस क्रूज में फिल्टरेशन प्लांट है, जिसकी वजह से गंगा का पानी लेकर ही उसे फिल्टर करके नहाने धोने और दूसरे काम में प्रयोग किया जायेगा. इस क्रूज़ का अपना एसटीपी प्लांट है, जिससे गंगा में पॉल्यूशन नहीं होगा. इस जहाज में 40000 लीटर का फ्यूल टैंक हैं, जिससे 30-40 दिन तक फ्यूल की कमी नहीं होगी.

यात्रियों की सुविधा को ध्यान रखते हुए तकरीबन 60,000 लीटर के पानी का टंकी है, जिससे अगर खारे पानी में भी क्रूज जाता है, तो 2 से 3 दिन तक पानी की कमी नहीं होगी.इस क्रूज़ में स्पा है, जिम है, लाइब्रेरी है और सन बाथ के लिये रूफटॉप की व्यवस्था है. इस क्रूज में यात्रा के लिए एक व्यक्ति का किराया एक रात के लिए 25000 से 50000 के बीच होगी. पूरी यात्रा 3200 किलोमीटर की है. गंगा विलास क्रूज़ बनारस से पटना , कलकत्ता, ढाका से गुवाहाटी फिर काजीरंगा होते हुए डिब्रूगढ़ तक पहुंचेगा. कुल 52 दिन की यात्रा होगी. अभी इसमें 31 यात्री आ रहे हैं. इन सभी यात्रियों को स्विट्जरलैंड की ट्रैवेल कंपनी ने ऑर्गेनाइज किया है.

बनारस से जाने वाला यह क्रूज़ नदी परिवहन और पर्यटन के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा क्योंकि यह जिन इलाकों से होकर गुजरेगा उन छोटे-छोटे जिलों में भी रुकेगा, जिससे पर्यटक उन जिलों से वाकिफ़ होंगे और इनके वहां जाने से टूरिज्म बढ़ेगा.

क्रूज से पटना, साहिबगंज, कोलकाता, ढाका और गुवाहाटी जैसे 50 शहरों की यात्रा संभव

पीएमओ की तरफ से कहा गया है कि यह पहल देश की सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने और उसकी विविधता के खूबसूरत पहलुओं की खोज करने का एक अनूठा अवसर है. क्रूज को इस प्रकार तैयार किया गया है ताकि दुनिया के सामने देश की सर्वश्रेष्ठ चीजें प्रदर्शित हों. क्रूज के माध्यम से विश्व धरोहर स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों और बिहार के पटना, झारखंड के साहिबगंज, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, बांग्लादेश के ढाका और असम के गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 पर्यटन स्थलों की यात्रा की जा सकेगी.

बयान में कहा गया कि रिवर क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री के प्रयासों के अनुरूप ही यह सेवा इस क्षेत्र की विशाल अप्रयुक्त क्षमता का फायदा उठाने और भारत के लिए पर्यटन के एक नए युग की शुरुआत करने में मदद करेगी.इसे वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा पीपीपी मोड में विकसित किया गया है. पर्यटक आसपास स्थित विभिन्न घाटों से नावों से ‘टेंट सिटी’ पहुंचेंगे. ‘टेंट सिटी’ हर साल अक्टूबर से जून तक चालू रहेगी और बारिश के मौसम में नदी के जल स्तर में वृद्धि के कारण तीन महीने के लिए बंद हो जाएगी.

वाराणसी में गंगा पार यूपी का पहला टेंट सिटी
वाराणसी में बढ़ते पर्यटन को देखते हुए टेंट सिटी को तैयार किया गया है.वाराणसी में गंगा पार यूपी का पहला टेंट सिटी बसाया जा रहा है. इस टेंट सिटी में पर्यटक फाइव स्टार होटल जैसी लक्जरी सुविधाएं ले सकेंगे. टेंट सिटी में रहने के लिए पर्यटकों को 8 हजार रुपये से लेकर 51 हजार रुपये तक खर्च करना होगा. इसके लिए टेंट सिटी में अलग-अलग विला बनाए जा रहें हैं. टेंट सिटी में रुकने के लिए पर्यटक ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन मोड में बुकिंग करा सकतें हैं. इसके लिए tentcityvaranasi.com नाम से वेबसाइट भी लांच किया गया है. वेबसाइट पर दी जानकारी के मुताबिक 15 जनवरी से लोग इस टेंट सिटी में ठहर सकेंगे. इसके लिए फिलहाल ऑनलाइन मोड में बुकिंग शुरू हो गई है. जल्द ही वाराणसी के रविदास घाट और नमो घाट पर भी इसके लिए काउंटर बनाए जाएंगे, जहां से पर्यटक टेंट सिटी में बुकिंग करा सकेंगे.

वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल ने मीडिया को बताया कि टेंट सिटी के लिए वीडीए अन्य विभागों के साथ मिलकर वहां सीवेज,पानी और बिजली के अलावा अन्य सुविधाओं को उपलब्ध कराया है. बाकी टेंट सिटी को लगाने का काम दो निजी कम्पनियों के जरिए पीपीपी मॉडल पर किया गया है. इसके बुकिंग का काम भी वही कंपनी करेंगी. इस टेंट सिटी में डीलक्स,सुपर डीलक्स,प्रीमियम और गंगा दर्शन विला नाम से चार तरह के कॉटेज तैयार होंगे. अलग अलग कॉटेज में अलग अलग लक्जरी सुविधाएं होंगी. जिसका किराया 8 हजार से लेकर 51 हजार तक होगा. बाकायदा इसका पैकेज जारी किया गया है. इस टेंट सिटी फाइव स्टार होटल जैसी शानदार सुविधाएं दी गई हैं. यहां पर ठहरने के लिए जो कमरें और अन्य सुविधाएं दी गई हैं, वो बहुत ही शानदार है और आपका मन मोह लेंगी. इस टेंट सिटी में इन लक्जरी विला के अलावा शानदार योग सेंटर भी होगा, जहां पर आप गंगा के किनारे योग और ध्यान लगा सकेंगे. इसके अलावा श्रद्धालुओं के गंगा स्नान के लिए फ्लोटिंग बाथ कुंड भी लगाया जाएगा. इन टेंटों में ठहरने वाले श्रद्धालु और पर्यटक यहां पर आकर गंगा में डुबकी लगा सकेंगे. यहां पर कई विला ऐसे तैयार किए गए हैं जहां से आप सीधे गंगा जी के दर्शन कर सकेंगे. इसके साथ ही यहां पर सुबह और शाम होने वाली गंगा आरती का भी लुत्फ लिया जा सकेगा.

टेंट सिटी में धर्म, अध्यात्म और संस्कृति के अलावा पूर्वांचल के उत्पाद भी दिखेंगे
गंगा की रेत पर बसाया गया तंबुओं का यह शहर पर्यटकों को काशी प्रवास का नया अहसास दिलाएगा. इस टेंट सिटी में धर्म, अध्यात्म और संस्कृति के अलावा पूर्वांचल के उत्पाद भी दिखेंगे. तंबुओं के शहर को सजाने के लिए विश्व प्रसिद्ध बनारसी साड़ी की रिप्लिका दिखेगी. वहीं दुनिया भर में मशहूर भदोही का कारपेट भी टेंट सिटी की शोभा बढ़ाएगा. टेंट सिटी जैसलमेर के सैंड ड्यून्स और ग़ुजरात के रन ऑफ कच्छ की तर्ज पर है. टेंट सिटी से पूर्वांचल के पर्यटन उद्योग में नया अध्याय जुड़ेगा. इससे स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ मिलेगा.

टेंट सिटी के एक क्लस्टर का निर्माण करा रही लल्लू जी एंड संस के पार्टनर हिमांशु अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि लग्जरी होटल की सुविधा के साथ सभी टेंट का डेकोरेशन काशी के आसपास के हैंडीक्राफ्ट व अन्य उत्पादों से किया जा रहा है.पूरी दुनिया में मशहूर बनारसी साड़ी की रिप्लिका का प्रयोग सजाने में किया जाएगा. वहीं, कालीन नगरी भदोही की खूबसूरत कारपेट टेंट में बिछाई जाएगी. हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि पूर्वांचल की अन्य खास वस्तुएं भी टेंट सिटी की खूबसूरती में चार चांद लगाएंगी. जिससे इन उत्पादों को भी नया बाजार और पूर्वांचल के लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा.
वाराणसी से कृष्ण कांत पाठक